रियलिटी शो बिग बॉस 19 के घर में एक बार फिर से हालात तेज़ हो गए हैं जब कप्तानी और ज़िम्मेदारियों को लेकर अभिषेक बजाज और बसीर अली के बीच विवाद ने ‘मर्दानगी’ तक का मोड़ ले लिया। सफाई, काम की जवाबदेही और कप्तान के कर्तव्यों को लेकर शुरू हुआ यह विवाद जल्द ही निजी आरोप-प्रत्यारोप और तीखी बहस में बदल गया।
घटना तब शुरू हुई जब बसीर अली ने अभिषेक से सवाल किया कि उन्होंने कप्तान बनते समय वादा किया था कि ‘ड्रेसिंग रूम साफ करेंगे’ और बाथरूम व वाशरूम आदि की सफाई सुनिश्चित करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। बसीर का आरोप था कि गंदगी फैली हुई है, कुछ क्षेत्र साफ नहीं हैं, और ये सब बातें कप्तान की ज़िम्मेदारी होती हैं। अभिषेक ने इस आशय को खारिज करते हुए कहा कि सुविधाएँ और संसाधन उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप हैं और काम उनके दृष्टिकोण से हो रहा है हालाँकि, बसीर की बातें सुनकर अभिषेक ने “लचक” शब्द का प्रयोग किया।
अभिषेक ने कहा कि बसीर उनकी चाल पर, उनके व्यवहार पर टिप्पणी कर रहे हैं — जैसे कि वह मर्दानगी या सेक्सुअलिटी की सीमाएँ पार कर रहे हों। इस टिप्पणी से बसीर भड़क उठे। उन्होंने खुलकर पूछा, “क्या कहना चाहते हो? मेरी सेक्सुअलिटी पर सवाल उठा रहे हो? मेरी चाल पर कमेंट कर रहे हो?” इसके बाद दोनों के बीच गाली-गलौच और आवाज़ें ऊँची हो गईं।
शहबाज बदेशा ने भी बीच में हस्तक्षेप किया और कहा कि कप्तान होने के नाते अभिषेक को निष्पक्ष होना चाहिए। शहबाज ने अभिषेक से कहा कि अब वक्त है यह दिखाने का कि आप सचमुच मर्द हैं — केवल शब्दों से नहीं, बल्कि निर्णयों से। उन्होंने अभिषेक को चुनौती दी कि यदि वह वाकई में कप्तान के पद के अनुरूप हैं, तो इस हफ्ते किसी नॉमिनेशन को बचा कर दिखाएँ।
इस बीच शो के अन्य सदस्य भी इस बहस में अपना मत दे रहे हैं कि क्या कप्तानी सिर्फ शाब्दिक है या जिम्मेदारियों को निभाने में भी मर्दानगी दिखानी चाहिए। दर्शकों में भी यह विवाद चर्चा का विषय बन गया है — कुछ लोग बसीर को सपोर्ट कर रहे हैं कि वह कप्तान से जवाबदेही माँग रहे हैं, वहीं अन्य अभिषेक की ओर झुकाव रखते हैं, यह देखते हुए कि हर किसी के पास समय और संसाधन नहीं होते।
इस मामले ने रियलिटी शो की एक बड़ी समस्या को उजागर कर दिया है — कि नेतृत्व पद केवल टाइटल नहीं होता, बल्कि उससे जुड़े वादों को पूरा करना और लोगों की इज्जत का ध्यान रखना भी ज़रूरी है। आने वाले एपिसोड में समीकरण और बदल सकते हैं, क्योंकि कप्तान की भूमिका और उसके जवाबदेह व्यवहार पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
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