लखनऊ में 9 अक्टूबर को बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक बड़ी रैली की, मगर ये रैली पार्टी की राजनीति से ज्यादा भीड़ को लेकर चर्चा में रही। उसके बाद मायावती के भाषण ने कयासों और अनुमानों के सारे पर्दे हटा दिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ और नरेंद्र मोदी के प्रति सॉफ्ट रवैया रखते हुए मायावती ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा। इसके बाद एसपी सुप्रीमो ने भी पलटवार किया और कहा कि मायावती बीजेपी के साथ अंदरूनी सांठगांठ में फंसी हुई हैं। मगर सवाल ये है कि मायावती अखिलेश यादव और पीडीए पर हमलावर क्यों हैं? वह सत्ता से सवाल करने के बजाय विपक्ष को टारगेट क्यों कर रही हैं? क्या मायावती को दलित समुदाय की ओर से पीडीए और इंडिया गठबंधन को मिल रहे समर्थन से खतरा महसूस होने लगा है। इसी मुद्दे पर देखिए नवजीवन की धारदार बहस।
You may also like
हत्या के तीन दोषियों को आजीवन कारावास
'बलोचिस्तान में सात अक्टूबर को बलघाटर हमले में पाकिस्तानी सेना के 14 जवान मारे गए'-बीएलएफ के विस्तृत बयान में दावा
धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की संपत्ति: कौन है बॉलीवुड का सबसे अमीर सितारा?
IND vs WI 2nd Test: टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट में पहले चुनी बल्लेबाजी, प्लेइंग XI पर डालें नजर
रोजाना करें शादीशुदा महिलाएं ये काम पति की` बदल जाएगी किस्मत घरेलू दुःख होंगे दूर