ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर घेरने की रणनीति के तहत कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ब्राजील के ब्रासीलिया में मौजूद है। इस यात्रा के बाद प्रतिनिधिमंडल अमेरिका रवाना होगा। अमेरिका रवाना होने से पहले ही शशि थरूर ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत युद्ध नहीं चाहता और उसे कोई समझाने की आवश्यकता नहीं है। ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने में मध्यस्थता की है और यहां तक कहा कि उन्होंने दोनों देशों को व्यापार बंद करने की चेतावनी भी दी थी।#WATCH | Brasilia, Brazil | "We have enormous respect for the American presidency, and we will speak with that respect in mind. But broadly speaking, our understanding is a bit different... No one needed to persuade us to stop. We had already said to stop. If there was any… pic.twitter.com/U89ZvCTvfw
— ANI (@ANI) June 3, 2025
ब्रासीलिया में मीडिया से बातचीत करते हुए थरूर ने कहा, "हम अमेरिकी राष्ट्रपति पद का सम्मान करते हैं और अपनी बात उसी सम्मान के साथ रखते हैं, लेकिन मूल रूप से हमारी समझ थोड़ी अलग है। हमें रोकने के लिए किसी को समझाने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि हमने पहले ही शांति बनाए रखने की बात कह दी थी। अगर किसी को समझाने की जरूरत थी, तो वो पाकिस्तान था। हमें समझाने की जरूरत नहीं क्योंकि हम युद्ध नहीं चाहते; हम विकास पर केंद्रित हैं। यही हमारा मुख्य संदेश है।"
थरूर ने आगे कहा, "हमने 7 मई से ही स्पष्ट कर दिया था कि हम संघर्ष को लंबा नहीं खींचना चाहते। यह किसी युद्ध की शुरुआत नहीं थी, बल्कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई थी। अगर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया नहीं दी होती, तो हम भी जवाब नहीं देते।"
अमेरिका में क्या करेंगे शशि थरूर?
ब्रासीलिया यात्रा के बाद प्रतिनिधिमंडल अमेरिका जाएगा, जो इस दौरे का अंतिम चरण होगा। इस संबंध में थरूर ने कहा, "यह चुनौतीपूर्ण माहौल है। अमेरिका में मीडिया अत्यधिक भीड़भाड़ वाला है और वैश्विक खबरों का बड़ा स्रोत भी है। हो सकता है कि हमारी कहानी उन्हें प्राथमिकता न मिले, लेकिन अगर हम उन लोगों का ध्यान खींच सकें जो दक्षिण एशिया, भारत और आतंकवाद के मुद्दों में रुचि रखते हैं, तो हम अपनी बात पहुंचा सकते हैं।"
कांग्रेस नेता ने बताया कि वाशिंगटन में वे आम जन, सरकारी अधिकारियों, सांसदों, सीनेट सदस्यों, प्रतिनिधि सभा व सीनेट की समितियों और प्रभावशाली थिंक टैंकों से मुलाकात करेंगे। साथ ही, विदेश नीति पर केंद्रित मीडिया और सार्वजनिक भाषणों से जुड़े लोगों से भी संवाद करेंगे। उन्होंने बताया कि उन्हें अमेरिकी चैनलों, प्रसारकों और पॉडकास्टर्स के लिए छह से सात इंटरव्यू देने को कहा गया है।
भारत-पाक डेलिगेशन रहेंगे अमेरिका में आमने-सामने
थरूर ने बताया कि अमेरिका भारत के लिए हर स्तर पर महत्वपूर्ण है—चाहे वह सुरक्षा परिषद से जुड़ा मामला हो, व्यापार, रक्षा, खुफिया जानकारी साझा करने या G20 और क्वाड जैसे समूहों में साझेदारी का मुद्दा हो। अमेरिका के साथ भारत के संबंध बहुआयामी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भी विदेश में एक डेलिगेशन भेजा है, लेकिन वह कम देशों का दौरा कर रहा है—जैसे वाशिंगटन, ब्रुसेल्स और लंदन। इसके उलट भारतीय प्रतिनिधिमंडल अधिक देशों की यात्रा कर रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि कल वाशिंगटन में भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों के डेलिगेशन मौजूद रहेंगे, जो कि एक दिलचस्प स्थिति होगी। थरूर के अनुसार, यह शायद लोगों की दिलचस्पी को और बढ़ाएगा क्योंकि एक ही शहर में दो विरोधी डेलिगेशन आमने-सामने होंगे।
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