धर्मांतरण के शातिर धंधेबाज छांगुर बाबा और उसकी खास सहयोगी नसरीन के बीच पिछले कुछ समय से सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। उनके बीच अक्सर छोटी-मोटी नोकझोंक होने लगी थी, जिसका खुलासा नसरीन ने खुद रिमांड के पांचवें दिन किया। एटीएस की पूछताछ में कई सवालों पर पहले चुप्पी साधे रखने वाली नसरीन ने इस बार कई बड़े और चौंकाने वाले राज खोल दिए हैं।
उसने साफ-साफ कबूल किया कि छांगुर ने कुछ समय पहले ही विदेशी फंडिंग से आने वाली मोटी रकम और उससे जुड़े अन्य लेन-देन की पूरी जिम्मेदारी उससे छीनकर अपने बेटे महबूब को दे दी थी। इस बात को लेकर उसकी और छांगुर के बीच गर्म बहस भी हुई थी। सूत्रों का दावा है कि अब नसरीन, छांगुर के कई गहरे राज खुलकर बता रही है। उसने ही यह खुलासा किया था कि छांगुर धर्मांतरण कराने के लिए कई मौलाओं को खास तौर पर बुलाता था। इन्हीं मौलाओं से वह अपने गिरोह के कई सदस्यों को धर्मांतरण के नए-नए तरीके सिखवाता था। हैरानी की बात यह है कि इनमें से कई मौलाना दुबई से आते थे। इन मौलानाओं के आने पर नेपाल से भी कई लोग छांगुर के दरबार में विशेष रूप से आते थे। इसी दौरान वह अपनी किताब 'शिजरा-ए-तैयबा' को बांटने के लिए देता था।
छांगुर की सबसे करीबी सहयोगी और उसकी हर बात की राजदार नीतू उर्फ नसरीन ने उसके अवैध धर्मान्तरण और काले कारोबार को लेकर एटीएस की पूछताछ में कई और बड़े खुलासे किए हैं, जिससे जांच एजेंसियां भी हैरान हैं।
छांगुर के ग्रामीणों के खातों में पहुंची थी करोड़ों की विदेशी फंडिंग
एटीएस की जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर के दो निवास स्थान रेहरा माफी और मधपुर में रह रहे कुछ आम लोगों के खातों में धर्म परिवर्तन कराने के बदले करोड़ों की विदेशी फंडिंग की गई है। एटीएस ने इसका पूरा ब्योरा जुटा लिया है, जो इस रैकेट की गहराई को दर्शाता है।
नीतू की बेटी का धर्मांतरण कराकर अपने नाती से करा दिया था निकाह, दहेज में लिया करोड़ों का शोरूम!
एटीएस की गहन जांच में धर्मांतरण गैंग के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के काले कारनामों का एक और बड़ा और घिनौना खुलासा हुआ है। छांगुर ने अपनी सबसे करीबी सहयोगी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन की बेटी समाले का पहले जबरन धर्मांतरण कराया, फिर उसका नाम बदलकर सबीहा रखा और इसके बाद तो हद ही कर दी, उसका निकाह अपने ही नाती से करा दिया!
इस निकाह के बदले में उसने पांच करोड़ रुपये की लागत का एक आलीशान शोरूम दहेज के रूप में लिया, जो उतरौला के मनकापुर रोड पर स्थित है। जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर ने असल में रोहरा परिवार की करोड़ों की संपत्ति हथियाने की एक बड़ी साजिश रची थी। यह परिवार पुणे और बलरामपुर में करोड़ों की संपत्ति, आलीशान कोठियों और लग्जरी गाड़ियों का मालिक है। एटीएस को नीतू और उसके पति नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन के खातों में करोड़ों रुपये की संदिग्ध विदेशी फंडिंग के ठोस प्रमाण मिले हैं।
फरवरी से जून 2021 के बीच नीतू के आठ खातों में 13।90 करोड़ रुपये और नवीन के छह खातों में 34।22 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। अकेले एक खाते में पांच करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग दर्ज हुई है, जो इस रैकेट की विशालता को दर्शाता है। छांगुर ने इस अवैध फंडिंग को वैध दिखाने के लिए अस्वी इंटरप्राइजेज और अस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट जैसी फर्जी संस्थाएं भी बनाई थीं। जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर और उसके सहयोगी 40 से अधिक बार इस्लामिक देशों की यात्रा कर चुके हैं, जिससे उनके अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क की पुष्टि होती है।
बेटे की गिरफ़्तारी के बाद विदेश भागने की फिराक में था छांगुर, नसरीन ने बिगाड़ा प्लान!
नसरीन ने एटीएस को बताया कि छांगुर का धर्मांतरण का काला जाल विदेशों तक फैला हुआ है। नसरीन इसमें नंबर दो की हैसियत से काम करती थी। उसने यह चौंकाने वाला खुलासा किया कि बेटे महबूब की गिरफ्तारी के बाद छांगुर विदेश भागने की फिराक में था। लेकिन नसरीन ने ही उसका यह सारा प्लान खराब कर दिया और उसकी काली करतूतों को उजागर कर दिया।
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