बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा राजनीतिक कदम उठाया है। पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को तारापुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। सम्राट चौधरी 16 अक्टूबर को तारापुर से अपने नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। हालांकि, बीजेपी की पूरी उम्मीदवार सूची अभी तक जारी नहीं हुई है।
तारापुर सीट उनके लिए केवल चुनावी जगह नहीं, बल्कि परिवार की राजनीतिक विरासत से जुड़ी है। सम्राट चौधरी के पिता शकुनी चौधरी कई बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं, जबकि उनकी मां पार्वती देवी ने भी एक बार इसी विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी। वर्तमान में सम्राट चौधरी बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।
राजनीतिक सफर और पूर्व अनुभव
सम्राट चौधरी की राजनीतिक यात्रा लंबी और दिलचस्प रही है। वे हमेशा भाजपा से नहीं जुड़े रहे हैं। इससे पहले वे राजद के टिकट पर दो बार विधायक चुने जा चुके हैं। खगड़िया जिले की परबत्ता सीट से 2000 और 2010 में वे विधानसभा पहुंचे थे। उनके प्रतिद्वंद्वी रहे जेडीयू नेता रामानंद प्रसाद सिंह भी परबत्ता से चार बार विधायक रह चुके हैं। रामानंद के बेटे संजीव सिंह 2020 में जेडीयू के विधायक बने थे, लेकिन अब वे तेजस्वी यादव के साथ राजद के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
तारापुर हत्याकांड और राजनीतिक चर्चाएँ
हाल ही में राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी को घेरते हुए 1995 के तारापुर हत्याकांड का जिक्र किया। उन्होंने सम्राट की उम्र और उस केस से उनकी रिहाई पर सवाल उठाए। इस केस का संबंध भी तारापुर के चुनावी माहौल से जुड़ा था, जब उनके पिता शकुनी चौधरी ने उसी क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। इस पुराने विवाद ने चुनावी सरगर्मी को फिर से बढ़ा दिया है, खासकर तब जब सम्राट चौधरी स्वयं उसी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
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