पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गई है। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने पासपोर्ट वेरिफिकेशन के पुराने नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब आवेदकों को वेरिफिकेशन के लिए पुलिस स्टेशन नहीं जाना होगा, बल्कि बीट कांस्टेबल खुद उनके घर आकर यह प्रक्रिया पूरी करेंगे।
इस नई पहल से न केवल आम लोगों का समय बचेगा, बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी लगाम लगेगी।
🏠 घर बैठे होगा पासपोर्ट वेरिफिकेशनपहले आवेदकों को पुलिस स्टेशन जाकर दस्तावेज जमा करने होते थे और वेरिफिकेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। कई बार यह प्रक्रिया परेशान करने वाली और खर्चीली भी साबित होती थी।
अब नई व्यवस्था के तहत बीट कांस्टेबल पासपोर्ट कार्यालय से फाइल लेकर सीधे आवेदक के घर जाएंगे, आवश्यक दस्तावेज और हस्ताक्षर लेंगे और वहीं वेरिफिकेशन पूरा करके रिपोर्ट थाना में जमा करेंगे।
📊 रोजाना कितने वेरिफिकेशन आते हैं?मोदीनगर, मुरादनगर, निवाड़ी और भोजपुर थाना क्षेत्रों में हर दिन करीब 30 से 40 पासपोर्ट वेरिफिकेशन के केस आते हैं। अब यह काम बीट कांस्टेबल द्वारा उनके क्षेत्र में जाकर किया जाएगा। यह प्रणाली मोदीनगर सर्किल में पहले ही शुरू हो चुकी है।
🚨 अवैध वसूली पर भी लगेगा ब्रेकइस नई व्यवस्था का एक मुख्य उद्देश्य पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नाम पर अवैध वसूली पर रोक लगाना है। पहले कई आवेदकों ने शिकायत की थी कि उनसे ₹500 से ₹1000 तक की रिश्वत मांगी गई थी। अब जब वेरिफिकेशन घर पर होगा तो ऐसे मामलों में कमी आने की उम्मीद है।
एसीपी ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि बीट कांस्टेबल को वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी दी गई है और यह प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। थाना प्रभारियों को इसके निर्देश दिए जा चुके हैं।
✅ इस नई व्यवस्था के फायदे- पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं
- समय और मेहनत की बचत
- घर पर सुरक्षित वेरिफिकेशन
- भ्रष्टाचार में कमी
- जनता और पुलिस के बीच बेहतर संवाद
गाजियाबाद में शुरू हुई यह नई पहल पासपोर्ट वेरिफिकेशन प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि पुलिस और जनता के बीच भरोसा भी मजबूत होगा।