New Delhi, 20 अक्टूबर . मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर Monday सुबह सोने की कीमतों में तेजी देखी गई, जिसका कारण मजबूत हाजिर मांग और कमजोर अमेरिकी डॉलर रहा.
शुरुआती कारोबार में, एमसीएक्स पर सोना दिसंबर वायदा 0.78 प्रतिशत बढ़कर 1,28,005 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट 0.41 प्रतिशत बढ़कर 1,57,240 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया.
पिछले सत्र में भारी गिरावट के बाद सोने में यह सुधार आया है, क्योंकि वैश्विक निवेशकों ने चीन पर टैरिफ लगाने के अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद मुनाफावसूली की थी.
ट्रंप की इस टिप्पणी ने व्यापारियों को सोने जैसी सुरक्षित निवेश संपत्तियों से जोखिम भरे निवेशों की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में Friday को भारी गिरावट के बाद Monday को सोने की कीमतें 4,255 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गईं.
विशेषज्ञों का कहना है कि अब निवेशकों का ध्यान अमेरिका और चीन के बीच आगामी वार्ता पर केंद्रित है. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और चीनी उप-Prime Minister ही लिफेंग इस सप्ताह मिलने वाले हैं. ट्रंप ने आशा व्यक्त की है कि इस चर्चा से कोई समझौता हो सकता है.
उन्होंने पिछले सप्ताह यह भी स्वीकार किया था कि चीनी वस्तुओं पर उनके प्रस्तावित उच्च शुल्क सस्टेनेबल नहीं हैं.
Friday को सोने की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई थी. एमसीएक्स गोल्ड दिसंबर वायदा 2 प्रतिशत गिरकर 1,27,320 रुपए प्रति 10 ग्राम पर आ गया, जबकि अमेरिकी गोल्ड वायदा 2 प्रतिशत से अधिक गिरकर 4,213.30 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर बंद हुआ.
हालिया उतार-चढ़ाव के बावजूद, पिछले एक साल में घरेलू हाजिर बाजार में सोने की कीमतों में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.
विश्लेषक इस उछाल का श्रेय वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, केंद्रीय बैंक की मजबूत खरीदारी, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में बढ़ते निवेश को देते हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भू-Political तनाव जारी रहता है और डॉलर कमजोर रहता है तो सोने को समर्थन मिलता रहेगा.
विशेषज्ञों ने कहा, “अमेरिकी अर्थव्यवस्था में निरंतर अनिश्चितता और डेटा जारी होने में देरी के कारण निवेशक रक्षात्मक परिसंपत्ति के रूप में सोने की ओर आकर्षित हुए हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “तेजी का रुख मजबूत बना हुआ है और जब तक जोखिम की भावना कमजोर रहेगी, सोने के दाम ऊंचे बने रहने की संभावना है.”
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एसकेटी/
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