New Delhi, 16 अक्टूबर भारतीय नौसेना के लिए तैयार किए जाने वाले युद्धपोतों में ‘क्रू-केंद्रित’ सुविधाओं और आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए बकायदा विशेषज्ञों द्वारा गहन रिसर्च की जाएगी. यह रिसर्च नौसेना की एक विशेष इकाई और आईआईटी दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी. इसके लिए भारतीय नौसेना के डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल आर्किटेक्चर और आईआईटी दिल्ली के बीच एक विशेष समझौता किया गया है.
इसके तहत युद्धपोतों के डिजाइन में ‘क्रू-केंद्रित’ पहलुओं पर संयुक्त अनुसंधान होगा. आईआईटी दिल्ली के मुताबिक, भारतीय नौसेना के डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल आर्किटेक्चर के साथ Thursday को इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. समझौते के तहत एक संयुक्त अनुसंधान एवं डिजाइन केंद्र की स्थापना की जाएगी. इस केंद्र का उद्देश्य भारतीय नौसेना के जहाजों पर तैनात कर्मियों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. यह कार्य आधुनिक डिजाइन व नवाचारों के माध्यम से संभव होगा.
यह समझौता रियर एडमिरल अरविंद रावल, असिस्टेंट चीफ ऑफ मटेरियल (डॉकयार्ड एवं रिफिट), भारतीय नौसेना और आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी द्वारा हस्ताक्षरित किया गया. इसके तहत, आईआईटी दिल्ली के डिपार्टमेंट ऑफ डिजाइन के शोधकर्ता विभिन्न मौजूदा और भावी युद्धपोत निर्माण परियोजनाओं की सुरक्षा, कार्यकुशलता और आवासीय सुविधाओं पर अनुसंधान करेंगे तथा उनके डिजाइन सुधार के लिए सुझाव देंगे.
दोनों संस्थान मिलकर भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे. इससे भविष्य में इसे व्यावसायिक नौवहन और अन्य भारतीय क्रू के लिए भी लागू किया जा सकता है. आईआईटी दिल्ली मौजूदा नौसेना जहाजों के डिजाइन का अध्ययन करेगी और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों से तुलना करेगी. इसमें एर्गोनॉमिक्स, आराम, कार्यकुशलता, सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव जैसे पहलू शामिल हैं.
इस अध्ययन के आधार पर सुधार के संभावित क्षेत्रों की पहचान कर नई डिजाइन रणनीतियां तैयार की जाएंगी ताकि भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सकें.
इस अवसर पर रियर एडमिरल अरविंद रावल ने Thursday को कहा, “यह समझौता हमारे साझा लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारतीय युद्धपोत न केवल युद्धक क्षमता में अग्रणी होंगे, बल्कि क्रू के आराम, दक्षता और रहने योग्य माहौल के मामले में भी उदाहरण प्रस्तुत करेंगे. इस साझेदारी से हम देश के अग्रणी शैक्षणिक संस्थान के साथ मिलकर क्रू-केंद्रित युद्धपोत डिजाइन में विशेषज्ञता विकसित करेंगे. यह पहल नौसेना स्थापत्य में वैज्ञानिक एवं प्रक्रिया-आधारित दृष्टिकोण को लाएगी. इसमें एर्गोनॉमिक्स, मानव कारक और डिजाइन अनुकूलन को शामिल किया जाएगा.”
आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने इस समझौते पर कहा, “हमें भारतीय नौसेना के साथ मिलकर नौसैनिक अधिकारियों और नाविकों के आराम और रहने की परिस्थितियों में सुधार के लिए आधुनिक वैज्ञानिक डिजाइन टूल्स और तकनीकों का उपयोग करने पर प्रसन्नता है. यह समझौता आईआईटी दिल्ली और भारतीय नौसेना के बीच पानी के भीतर तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक्स और नौसेना निर्माण के स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग को और मजबूत करेगा.”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह साझेदारी भारतीय नौसेना और आईआईटी दिल्ली के बीच तकनीकी उत्कृष्टता, नवाचार और मानवीय दृष्टिकोण के समन्वय का प्रतीक है, जो भविष्य के युद्धपोतों को न केवल अधिक सशक्त बल्कि अधिक मानव-केंद्रित भी बनाएगी.
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जीसीबी/डीकेपी
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