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दिल्ली हाई कोर्ट से साकेत गोखले को झटका, मानहानि मामले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

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नई दिल्ली, 2 मई . लक्ष्मी पुरी मानहानि मामले में टीएमसी नेता साकेत गोखले को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने लेखिका लक्ष्मी पुरी की ओर से दायर मानहानि मामले को चुनौती देने वाले टीएमसी नेता साकेत गोखले की याचिका खारिज कर दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर माफी मांगने और 50 लाख रुपये का हर्जाना देने के कोर्ट के आदेश को पलटने की मांग की थी.

पिछले हफ्ते ही दिल्ली हाई कोर्ट ने मुआवजा देने के लिए सांसद के तौर पर उनका वेतन जब्त करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उन्होंने मुआवजा नहीं दिया था. वहीं, अपनी याचिका में टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने मानहानि मामले में सजा को वापस लेने और मुआवजा राशि में संशोधन करने की मांग दिल्ली हाई कोर्ट से की थी.

पिछले साल जुलाई में हाई कोर्ट ने साकेत गोखले को मानहानि का दोषी पाया और लक्ष्मी पुरी को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था. अदालत ने अतिरिक्त निर्देश भी जारी किए थे, जिसमें सोशल मीडिया पर सार्वजनिक माफी मांगने के लिए भी कहा गया था, जो कम से कम छह महीने तक साकेत के सोशल मीडिया हैंडल पर रहना चाहिए.

अदालत ने साकेत गोखले को एक प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्र में अपना माफीनामा प्रकाशित करने का भी आदेश दिया था. साथ ही यह भी कहा था कि आदेश का पालन आठ सप्ताह के भीतर किया जाना चाहिए.

साकेत गोखले द्वारा 13 और 26 जून 2021 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ पोस्ट डाले गए थे, जिसके बाद यह मामला अदालत तक पहुंचा. दरअसल, इन पोस्ट्स में गोखले ने आरोप लगाया था कि लक्ष्मी पुरी ने स्विट्जरलैंड में अपनी आय से अधिक संपत्ति खरीदी है.

बता दें कि कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी मुर्देश्वर पुरी की ओर से करंजा वाला एंड कंपनी द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले में हर्जाने की मांग करते हुए एक मुकदमा दायर किया गया था.

यह मानहानि का मुकदमा था, जिसमें जिक्र है कि साकेत गोखले ने लक्ष्मी पुरी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रकाशित की थी.

एफएम/केआर

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