उदयपुर. पेंशन पुनः शुरू करवाने के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में बंद पेंशन विभाग के कम्प्यूटर ऑपरेटर की जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी.
शिकायतकर्ता जितेंद्र कुमार, जो वन विभाग उदयपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है, ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) चौकी, उदयपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. शिकायत के अनुसार, जितेंद्र के पिता वन विभाग में कैटल गार्ड थे और वर्ष 2017 में उनका निधन हो गया. इसके बाद पिता की पेंशन उनकी माता को मिलने लगी.
जितेंद्र का आरोप है कि पेंशन विभाग, डूंगरपुर के कम्प्यूटर ऑपरेटर गोविन्द पुत्र मंशा घाटिया ने पेंशन एरियर पास करवाने के लिए पहले 90 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी. बाद में जब एरियर की राशि उनकी मां के खाते में जमा हो गई, तो मई 2025 से नियमित पेंशन रोक दी गई.
गोविन्द ने पेंशन पुनः शुरू करवाने के लिए टुकड़ों में 30-30 हजार रुपये मांगते हुए कहा कि अगर पहले रुपये दे दिए होते तो पेंशन बंद नहीं होती. शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी टीम ने कार्रवाई की और कोष कार्यालय डूंगरपुर में ऑपरेटर गोविन्द को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. इसके बाद उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया.
इस मामले में गोविन्द की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उसकी अर्जी खारिज कर दी.
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