नई दिल्ली, 29 मई . सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने गुरुवार को आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल के महत्व पर एक समिट आयोजित करने जा रहा है.
यह समिट 30 मई को बेंगलुरु में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एएलआईएमसीओ) के सहयोग से आयोजित किया जाएगा.
मंत्रालय ने कहा, “इस अग्रणी पहल का उद्देश्य दिव्यांगों के लिए समावेशी, सुलभ और सहायक समाधान बनाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डालना है.”
समिट में दिव्यांगों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने वाले कटिंग-एज एआई एप्लीकेशन पर चर्चा, प्रदर्शन और विचार-विमर्श करने के लिए दुनिया भर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, टेक्नोलॉजिस्ट, इनोवेटर्स, नीति निर्माताओं, स्टार्टअप्स और हितधारकों के एक साथ आने की उम्मीद है.
पैनल चर्चाओं के अलावा, इस कार्यक्रम में मिशन एआई एक्सेसिबिलिटी, मिशन एआई : इंप्लीमेंटेशन ऑफ एआई इन असिस्टिव टेक्नोलॉजी एंड टूल्स फॉर एम्पावरिंग पीडब्ल्यूडी, नेशनल डिसएबिलिटी सपोर्ट एआई चैटबॉट, यूनिफाइड बेनेफिट्स इंटरफेस (यूबीआई) लॉन्च सेशन होंगे.
दिन भर चलने वाले इस समिट में एआई और सहायक टेक्नोलॉजी में इनोवेटिव अप्रोच को प्रदर्शित करने वाले सेशन होंगे.
अग्रणी उद्यमियों, चेंजमेकर्स और असिस्टिव टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन के लाभार्थी परिवर्तन की वास्तविक जीवन की कहानियां भी साझा करेंगे.
इसके अलावा, इंडिया एआई चैलेंज के तहत स्टार्टअप और दूसरे ग्लोबल इनोवेटर विजुअल, हियरिंग और मल्टीपल डिसएबिलिटी के लिए सहायक उपकरणों में अपनी सफलताओं का प्रदर्शन करेंगे.
प्रमुख प्रतिभागियों में डॉट इंक (दक्षिण कोरिया), टॉर्चिट, सनबॉट्स इनोवेशन, सोहम इनोवेशन लैब्स, इंडिक एआई, बैरियर ब्रेक, ख्याल आदि शामिल होंगे.
समिट का समापन एक इंटरैक्टिव सवाल-जवाब सेशन के साथ होगा, जिसके बाद डीईपीडब्ल्यूडी सचिव राजेश अग्रवाल ‘वे फॉरवर्ड’ संबोधन करेंगे, जो समावेशी एआई विकास के लिए रणनीतिक रोडमैप तैयार करेगा.
यह कार्यक्रम हितधारकों को सहयोग बनाने और भविष्य के लिए तैयार, इंक्लूसिव टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन पर विचार करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा.
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एसकेटी/एबीएम
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