रांची, 15 मई . झारखंड में संचालित निजी संस्थानों में इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट सहित अन्य प्रोफेशनल कोर्स की फीस में एकरूपता लाने की दिशा में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है.
एक समान फीस का ढांचा तैयार करने के लिए शुल्क नियामक समिति का गठन किया जाएगा. इससे संबंधित कानून बनाने के लिए झारखंड विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा.
इस विधेयक का नाम ‘झारखंड प्रोफेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस (रेगुलेशन ऑफ फीस) बिल, 2025’ रखा गया है.
इसका ड्राफ्ट गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूर कर लिया गया. यह जानकारी कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने दी.
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में व्यावसायिक शिक्षा के शुल्क निर्धारण का आदेश दिया था, ताकि निजी संस्थानों की मनमानी फीस उगाही पर रोक लग सके. इस फैसले के बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों ने शुल्क नियामक समिति का गठन कर दिया है. अब झारखंड ने भी इस दिशा में पहल की है.
कैबिनेट सचिव ने बताया कि राज्य में शराब बिक्री से संबंधित नई नीति को भी कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है. इसके अनुसार, अब शराब के थोक कारोबार की जिम्मेदारी झारखंड स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के हाथों में होगी, जबकि खुदरा दुकानें निजी पार्टी संचालित करेंगी.
राज्य में कुल 1,453 शराब की दुकानें हैं, जिनका आवंटन टेंडर-लॉटरी के माध्यम से होगा. फिलहाल, जो नीति लागू है, उसमें सरकार प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए खुदरा शराब दुकानें भी खुद संचालित करती है. नई नीति एक महीने में लागू की जाएगी.
कैबिनेट ने 70 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान वय वंदना योजना से जोड़ने, एनसीसी कैडेट्स का दैनिक भत्ता 150 से बढ़ाकर 210 रुपए प्रतिदिन करने, मधुपुर शहरी जलापूर्ति योजना के लिए कुल 76 करोड़ रुपए, गिरिडीह के बड़कीटांड़-तीनपलली-डोकीडीह-गिरनिया मोड़ पथ निर्माण कार्य के लिए 55 करोड़ की राशि स्वीकृत करने सहित कुल 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी.
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एसएनसी/एबीएम
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