नई दिल्ली, 12 मई . सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) ने सोमवार को ड्रोन आधारित क्वांटम सुरक्षित संचार को लेकर भारत की स्थिति मजबूत बनाने के लिए सिनर्जी क्वांटम इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
यह सुरक्षित संचार में देश की क्षमताओं को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
इस साझेदारी का उद्देश्य विशेष रूप से ड्रोन बेस्ड सिस्टम के लिए कटिंग-एज क्वांटम की ड्रिस्ट्रिब्यूशन (क्यूकेडी) टेक्नोलॉजी को संयुक्त रूप से विकसित करना है.
दूरसंचार विभाग (डीओटी) के तहत प्रमुख टेलीकॉम आरएंडडी संगठन ‘सी-डॉट’ और क्वांटम टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञता रखने वाली डीप-टेक कंपनी ‘सिनर्जी क्वांटम’ पोलराइजेशन एनकोडिंग का इस्तेमाल कर बीबी84 प्रोटोकॉल बेस्ड क्यूकेडी सिस्टम बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे.
यह प्रोजेक्ट टेक्नोलॉजी रेडीनेस लेवल (टीआरएल) 6 या उच्चतर को लक्षित करेगी, जो क्वांटम-सुरक्षित संचार के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाएगा.
यह समझौता ज्ञापन आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत स्वदेशी इनोवेशन को बढ़ावा देने के राष्ट्रीय लक्ष्य का समर्थन करता है.
यह सहयोग उभरती हुई टेलीकॉम टेक्नोलॉजीज, विशेष रूप से ‘क्वांटम कम्युनिकेशन’ में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा, जो भविष्य के लिए महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर को भविष्य के लिए सुरक्षित करने और डेटा सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है.
दोनों संगठन समझौते के हिस्से के रूप में रिसर्च में सहयोग करेंगे. साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग के लिए अनुदान प्रस्तावों का सह-विकास करेंगे और विद्वानों के लेखों और श्वेत पत्रों के माध्यम से अपने निष्कर्षों को प्रकाशित करेंगे.
वे इस महत्वपूर्ण विषय पर जागरूकता फैलाने और ज्ञान साझा करने के लिए संगोष्ठियों, सम्मेलनों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मेजबानी भी करेंगे.
हस्ताक्षर समारोह में सी-डॉट के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने कहा, “क्वांटम टेक्नोलॉजीज अगली पीढ़ी के सुरक्षित संचार के लिए बहुत बड़ी संभावना रखती हैं. यह सहयोग स्वदेशी क्षमताओं के निर्माण और क्वांटम इनोवेशन में ग्लोबल लीडर के रूप में भारत की भूमिका में योगदान देने के हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है.”
इसी भावना को दोहराते हुए, सिनर्जी क्वांटम इंडिया के संस्थापक और सीईओ जय ओबेरॉय ने कहा, “हम सी-डॉट के साथ साझेदारी कर उत्साहित हैं. इस पहल में भारत को ड्रोन-आधारित क्वांटम सुरक्षित संचार के मामले में अग्रणी बनाने की क्षमता है.”
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एसकेटी/एबीएम
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