नई दिल्ली, 29 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को संबोधित करते हुए कृषि क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ इसे और आधुनिक बनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत हमारी वैज्ञानिकों की टीम एक बड़े अभियान ‘लैब से लैंड’ को लेकर आगे जा रही है. सारे डेटा के साथ वे किसानों को आधुनिक कृषि की जानकारी देंगे.
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ” ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ अपने-आप में एक अनोखी पहल है. मानसून दस्तक दे रहा है. खरीफ की फसलों की तैयारी है. ऐसे में 12 से 15 दिन तक देश के वैज्ञानिक, एक्सपर्ट, अधिकारियों और प्रगतिशील किसानों की दो हजार से अधिक टीमें गांव-गांव जा रही हैं. ये टीमें देश के 700 से अधिक जिलों के करोड़ों किसानों तक पहुंचेंगी.”
उन्होंने कहा कि हमारे किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन करके अन्न के भंडार भरे हैं. लेकिन, अब मार्केट बदल रहा है और ग्राहक की प्राथमिकता भी बदल गई है. ऐसे में हमारा प्रयास है कि किसानों और राज्य की सरकारों के साथ मिलकर कृषि व्यवस्थाओं में बदलाव लाएं, देश की कृषि को आधुनिक कैसे बनाया जाए, इस पर किसानों के साथ बैठकर विचार-विमर्श हो. इसलिए इस अभियान के तहत हमारी वैज्ञानिकों की टीम एक बड़े अभियान ‘लैब से लैंड’ को लेकर आगे जा रही है. सारे डेटा के साथ किसानों को आधुनिक कृषि की जानकारी देगी और सीजन शुरू होने से पहले किसानों की मदद के लिए खड़ी रहेगी.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “बीते दशकों में हमारे कृषि वैज्ञानिकों ने अनेक क्षेत्रों में अच्छा रिसर्च किया है. बेहतर रिजल्ट लाकर दिखाए हैं. दूसरी तरफ हमारे प्रगतिशील किसान अपने-अपने प्रयोग करके कृषि क्षेत्र में बहुत बदलाव लाए हैं और पैदावार बढ़ाई है और बड़े सफल प्रयोग भी किए हैं. वैज्ञानिकों के सफल रिसर्च और प्रगतिशील किसानों के सफल प्रयोगों की ज्यादा से ज्यादा जानकारी हमारे किसानों तक पहुंचनी उतनी ही आवश्यक है. इस दिशा में आप सभी पहले से प्रयास करते रहे हैं, लेकिन अब नई ऊर्जा के साथ इस काम को करने की जरूरत है. ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ से आपको इसका भरपूर मौका मिलेगा.”
पीएम मोदी ने कहा, “विकसित भारत के लिए, भारत की कृषि को भी विकसित करना होगा. ऐसे कई विषय हैं, जिन पर केंद्र सरकार का निरंतर फोकस रहा है – जैसे किसानों को उनकी उपज का सही दाम कैसे मिले, कृषि अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत हो, देश की आवश्यकताओं के अनुरूप कैसे फसलें पैदा हों, कैसे भारत अपनी जरूरतों के साथ-साथ दुनिया की जरूरतों को पूरा करे, दुनिया का फूड बास्केट कैसे बने, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से हम कैसे निपटें, कैसे कम पानी का उपयोग करके अधिक फसलें उगाई जाएं, कैसे मिट्टी को हानिकारक रसायनों से बचाया जाए, खेती को कैसे आधुनिक बनाया जाए, विज्ञान और तकनीक खेतों तक कैसे पहुंचे. ऐसे अनेक विषयों पर पिछले 10-11 साल में हमारी सरकार ने बहुत काम किया है. अब इस अभियान के तहत हमारे किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है.”
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एसके/एकेजे
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