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नियंत्रित परमाणु संलयन के विकास में चीन का योगदान महत्वपूर्ण : आईटीईआर

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बीजिंग, 3 मई . अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (आईटीईआर) संगठन ने हाल ही में अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर घोषणा की कि उसने रिएक्टर के “विद्युत चुंबकीय हृदय” के सभी घटकों का निर्माण पूरा कर लिया है, जो दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली स्पंदित सुपरकंडक्टिंग इलेक्ट्रोमैग्नेट प्रणाली है और नियंत्रित परमाणु संलयन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है.

आईटीईआर संगठन के प्रमुख ने एक साक्षात्कार में कहा कि भू-राजनीति से परे इस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में चीन का योगदान महत्वपूर्ण है.

विश्व की सबसे बड़ी और सबसे दूरगामी अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान सहयोग परियोजनाओं में से एक के रूप में, आईटीईआर का उद्देश्य सूर्य के प्रकाश और ऊष्मा उत्पादन की परमाणु संलयन प्रक्रिया का अनुकरण करना और नियंत्रित परमाणु संलयन प्रौद्योगिकी की व्यावसायिक व्यवहार्यता का पता लगाना है.

इस परियोजना को यूरोपीय संघ, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, भारत, रूस और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित किया गया है तथा हजारों वैज्ञानिक और इंजीनियर इस परियोजना पर मिलकर काम कर रहे हैं.

आईटीईआर संगठन के महानिदेशक पिएत्रो बालाबास्की ने कहा कि चीनी सहयोगियों ने हमेशा सहयोग को बहुत महत्व दिया है और इसके लिए प्रतिबद्ध रहे हैं और पूरे सहयोग परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को दृढ़ता से पूरा किया है.

बालाबास्की ने कहा कि नियंत्रित परमाणु संलयन के क्षेत्र में चीन एक समय यूरोपीय और अमेरिकी देशों से पीछे था, लेकिन अब उसने जबरदस्त प्रगति कर ली है.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

एबीएम/

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