Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के एक अहम जिले में स्थित वायुसेना स्टेशन के विस्तार को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इस परियोजना के तहत चार गांवों की चयनित भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रशासन ने इस प्रक्रिया को गति देने के लिए इन गांवों की जमीन की खरीद-बिक्री पर अस्थायी रोक लगा दी है। बरेली में वायुसेना स्टेशन (त्रिशूल एयरबेस) के विस्तार की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। इस परियोजना के लिए चार गांवों की 93.798 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है। ऐसे में जिला प्रशासन ने संबंधित भूमि की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। अब कोई भी भूमि सौदा तभी संभव होगा जब सदर तहसील से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) प्राप्त किया जाएगा।
चार गांवों से 93.798 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण
बरेली वायुसेना स्टेशन को बड़ा किया जाना हैं। इसके लिए चार गांवों से 93.798 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जानी हैं। यही कारण है कि जिला प्रशासन ने संबंधित जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। अब जिला प्रशासन ने वायुसेना स्टेशन के विस्तारीकरण की प्रक्रिया में चार गांवों की 93.798 हेक्टेयर चिह्नित भूमि की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। भू-स्वामी को तहसील से एनओसी लेना होगा अगर वे जमीन खरीदना चाहते हैं। रक्षा मंत्रालय से मिली सहमति के बाद बरेली के त्रिशूल एयरबेस के विस्तार पर जिला प्रशासन रक्षा संपदा कार्यालय और वायुसेना स्टेशन के अफसर व्यस्त हैं।
भूमि के क्रय-विक्रय के संबंध में पत्राचार
पूर्व में हाजीपुर ब्रजलाल नगरिया कला और भूड़ा के निवासियों को जमीन दी जानी थी लेकिन भारत सरकार के जारी गजट में त्रिशूल एयरबेस की बाउंड्री के सौ मीटर के दायरे में निर्माण करना और पेड़ लगाना भी प्रतिबंधित किया गया था। शहर के बीच स्थित कंजादासपुर क्षेत्र में भी 18.435 हेक्टेयर जमीन है। यहां भी वायुसेना स्टेशन का विस्तार किया जाना हैं। लेकिन अधिग्रहण में देरी से चारों गांवों के भू-स्वामी और वायुसेना स्टेशन के सौ मीटर के दायरे में आने वाले निवासी परिस्थिति का हवाला देकर भूमि के क्रय-विक्रय के संबंध में पत्राचार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति के कारण अब विक्रय की अनुमति सिर्फ तहसील सदर की एनओसी पर दी गई है।
तुरंत अधिग्रहण करें या समस्या का समाधान करें
ग्रामीणों ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के कार्यालय को पत्र लिखकर अधिग्रहण प्रक्रिया को जल्दी पूरा करने की अपील की। ग्रामीणों का कहना है कि वे सिर्फ छोटे-छोटे खेती वाले हैं। अक्सर जमीन खरीदने या बेचने की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में जल्द ही भूमि अधिग्रहण करें या वायुसेना अफसरों से बातचीत करें। मामले में रक्षा संपदा कार्यालय से अब तक की अधिग्रहण प्रक्रिया की जानकारी मांगी गई है।
रक्षा मंत्रालय से सैद्धांतिक अनुमति का प्रस्ताव
पिछले महीने रक्षा संपदा कार्यालय ने वायुसेना के अफसरों को पत्र भेजकर रक्षा मंत्रालय से सैद्धांतिक अनुमति लेने का सुझाव दिया था। तहसीलदार भानु प्रताप सिंह ने बताया कि पूर्व में चिह्नित जमीन की रिपोर्ट बनाई गई है। भू-स्वामी को तहसील से NOC लेनी होगी अगर वे भूमि खरीद या बेचते हैं। Air Force Station की चहारदीवारी से सौ मीटर तक निर्माण और अन्य कार्य करना प्रतिबंधित है।
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