कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सोमवार को कई बड़े फैसलों का एलान किया। ईपीएफओ के बोर्ड ने अपने सात करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए आंशिक निकासी की उदार व्यवस्था को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब सदस्य ईपीएफ खाते से 100 प्रतिशत तक की निकासी कर सकेंगे।
श्रम मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक
कर्मचारियों के हित में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इनसे पीएफ निकासी, ब्याज, और डिजिटल सेवाओं में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा श्रम मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, “श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में ईपीएफओ की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने अपनी बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।”
13 जटिल प्रावधानों का एक आसान नियम में विलय किया गया
सीबीटी ने ईपीएफ के सदस्यों के जीवन को आसान बनाने के लिए 13 जटिल प्रावधानों को एक ही नियम में विलय करने का फैसला लिया। इसके तहत ईपीएफ योजना के आंशिक निकासी प्रावधानों को सरल बनाया गया है। निकासी के लिए खर्च को तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है यानी जरूरी (बीमारी, शिक्षा, विवाह), घर की जरूरत और विशेष परिस्थितियां।
आंशिक निकासी के लिए अब सिर्फ 12 महीने की सेवा की जरूरत
अब सदस्य भविष्य निधि में कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से सहित पात्र शेष राशि का 100 प्रतिशत तक निकाल सकेंगे। निकासी की सीमा को उदार बनाया गया है। शिक्षा के लिए 10 बार तक और विवाह के लिए 5 बार तक निकासी की अनुमति दी गई है। सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा की आवश्यकता को भी घटाकर केवल 12 महीने कर दिया गया है। ईपीएफओ ने यह भी बताया है कि पेंडिंग मामलों और भारी जुर्मानों को घटाने के लिए पेंशन निकाय ने ‘विश्वास योजना’ शुरू की है। वर्तमान में ₹2,406 करोड़ की जुर्माना राशि और 6,000 से अधिक मुकदमे लंबित हैं। अब पीएफ जमा में देरी पर जुर्माना घटाकर 1% प्रति माह किया गया है।
ईपीएफओ में हुए 10 बड़े बदलाव यहां जानें
1. ग्राहकों को अब पूरा पैसा निकालने की अनुमति
ईपीएफओ ने आंशिक निकासी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब सदस्य अपने ईपीएफ खाते की कुल राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की ओर से जमा राशि) निकाल सकेंगे।
2. 13 नियमों की जगह निकासी के लिए सिर्फ तीन कैटेगरी
पुराने 13 जटिल नियमों को मिलाकर आशिक निकासी के लिए अब केवल तीन श्रेणियां रखी गई हैं-
आवश्यक जरूरतें (बीमारी, शिक्षा, शादी)
हाउसिंग जरूरतें
विशेष परिस्थितियां।
3. शिक्षा व शादी के लिए अधिक बार निकासी
अब शिक्षा के लिए 10 बार और शादी के लिए 5 बार तक निकासी की जा सकेगी। पहले इन दोनों के लिए निकासी की कुल 3 बार की ही अनुमति थी।
4. सेवा अवधि घटाकर 12 महीने
अब सभी प्रकार की आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 12 माह कर दी गई है।
5. बिना कारण बताए निकासी की सुविधा
‘विशेष परिस्थितियों’ (जैसे बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा आदि) में अब कारण बताए बिना निकासी की जा सकेगी। इससे क्लेम रिजेक्ट होने की समस्या खत्म होगी।
6. 25% राशि मिनिमम बैलेंस के रूप में रखनी होगी
सदस्यों के खाते में हमेशा 25% राशि न्यूनतम बैलेंस के रूप में रखनी होगी। इससे 8.25% ब्याज दर और कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ मिलता रहेगा।
7. ऑटोमैटिक क्लेम सेटलमेंट और लंबी अवधि
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से आंशिक निकासीकी प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑटोमेटेड होगी।
फाइनल सेटलमेंट अवधि को 2 से बढ़ाकर 12 महीने किया गया।
पेंशन निकासी अवधि को 2 से बढ़ाकर 36 महीने किया गया।
8. ‘विश्वास योजना’ से जुर्माने में राहत
पीएफ जमा में देरी पर जुर्माने की दर घटाकर 1% प्रति माह कर दी गई है।
2 माह की देरी पर जुर्माना: 0.25%
4 माह की देरी पर जुर्माना : 0.50%
यह योजना छह महीने तक चलेगी और जरूरत पड़ने पर छह महीने और बढ़ाई जा सकेगी।
9. पेंशनर्स के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सुविधा
ईपीएफओ ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के साथ करार किया है।
अब ईपीएस-95 पेंशनर्स घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (DLC) जमा कर सकेंगे। यह सेवा पेंशनधारको को मुफ्त में दी जाएगी।
10. EPFO 3.0 में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और फंड मैनेजमेंट में होगा सुधार
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने क्लाउड-बेस्ड डिजिटल फ्रेमवर्क ‘EPFO 3.0’ को मंजूरी दी है। इससे तेज, पारदर्शी और स्वचालित सेवाएं मिलेंगी।
ईपीएफ के लिए चार फंड मैनेजर्स को पांच साल के लिए नियुक्त किया गया है। इसका मकसद निवेश पोर्टफोलियो को विविध और सुरक्षित बनाना है।
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