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नवरात्रि में झाड़ू के महत्व और उसके उपयोग के नियम

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झाड़ू का महत्व नवरात्रि में

नवरात्रि का पर्व चल रहा है और दिवाली का त्योहार भी नजदीक है। इस समय लोग अपने घरों की सफाई में जुट गए हैं। सफाई में झाड़ू का उपयोग सबसे अधिक होता है, क्योंकि यह घर के सभी कचरे को बाहर निकालने में मदद करती है। हिंदू धर्म में झाड़ू को पवित्र माना जाता है और इसे मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। इसलिए, झाड़ू से संबंधित कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है, अन्यथा मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं, जिससे जीवन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।


झाड़ू से जुड़े महत्वपूर्ण नियम

1. झाड़ू का उपयोग करते समय कभी-कभी गलती से उस पर पैर रखा जा सकता है। झाड़ू को लात मारना पाप माना जाता है, क्योंकि इसे मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। यदि गलती से ऐसा हो जाए, तो झाड़ू को छूकर माथे पर हाथ लगाएं और दिल से माफी मांगें।


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2. वास्तु शास्त्र के अनुसार, झाड़ू को खड़ी नहीं रखना चाहिए। इसे हमेशा लेटाकर रखना चाहिए, क्योंकि खड़ी झाड़ू अपशगुन मानी जाती है। इससे घर में समस्याएँ आ सकती हैं और आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।


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3. झाड़ू की एक उम्र होती है। यदि वह टूट जाए, तो उसे तुरंत बदलना चाहिए। नई झाड़ू को शुक्रवार या गुरुवार को लाना शुभ माना जाता है। पुरानी झाड़ू को भी इन दिनों में बाहर नहीं फेंकना चाहिए।


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4. झाड़ू को हमेशा घर की दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण दिशा में रखना चाहिए। इससे धन की कमी नहीं होती और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। झाड़ू को अलमारी या तिजोरी के पीछे नहीं रखना चाहिए।


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5. झाड़ू को सूरज ढलने के बाद नहीं लगाना चाहिए। रात में झाड़ू लगाने से धन से जुड़ी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।


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