हाल के दिनों में, सोशल मीडिया पर गेम टास्क और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है, जो अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रह गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी ऐसे टास्क ग्रुप सक्रिय हो गए हैं, जिससे युवाओं को लाखों रुपये की ठगी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में इंदौर के गौतमपुरा में एक युवक की जान इसी प्रकार के एक गिरोह के झांसे में आकर चली गई।
गुड़ बाजार के एक मध्यमवर्गीय परिवार का 22 वर्षीय युवक, यश नामदेव, 11 जून को टेलीग्राम के टास्क ग्रुप 13c में शामिल हुआ। इस समूह में पैसे को दोगुना करने का लालच देकर उसे लगातार पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया। प्रारंभ में उसे छोटे-छोटे प्रलोभन दिए गए, लेकिन बाद में वह एक लाख तीस हजार रुपये की मांग करने लगा। जब वह टास्क पूरा करने में असफल रहा, तो समूह ने उसे पैसे लौटाने से इनकार कर दिया।
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इसे सामान्य आत्महत्या मान लिया, लेकिन जब 13 जून को यश के मोबाइल की जांच की गई, तो एक वीडियो मिला जिसमें वह आत्महत्या करने की बात कर रहा था। यश ने कहा, 'अब मैं मरने वाला हूं। मेरे पैसे वापस करो।' यह पता चला कि वह 11 जून को टेलीग्राम के टास्क ग्रुप से जुड़ा था, जिसमें टास्क असाइनमेंट का सिस्टम था।
यश ने 100-200 रुपये से शुरुआत की और धीरे-धीरे यह राशि 5 से 6 हजार रुपये तक पहुंच गई। समूह ने उसे विभिन्न वस्तुओं को ऑनलाइन खरीदने के लिए टास्क दिए, जिसके बाद उसे दोगुना पैसा मिलने का आश्वासन दिया गया। जब यश ने एक लाख तीस हजार रुपये जमा किए, तो उसे बताया गया कि अगर वह 2 लाख रुपये डालता है, तो उसे पैसे मिल जाएंगे। तब यश को एहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है।
यश ने समूह से अपने पैसे वापस करने की मांग की, लेकिन समूह के एडमिन ने उसे टास्क पूरा करने के लिए कहा। जब यश ने कहा कि उसके पास अब पैसे नहीं हैं, तो एडमिन ने कहा कि अब कुछ नहीं किया जा सकता। यश ने चेतावनी दी कि वह पुलिस को इसकी सूचना देगा और आत्महत्या करने की बात कही। उसने आत्महत्या से पहले दो वीडियो बनाए, जिसमें उसने कहा कि वह मरने जा रहा है और उसके पैसे वापस करने की मांग की।
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