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दांतों की सफाई का महत्व: स्वास्थ्य पर प्रभाव

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मुंह की सफाई और स्वास्थ्य

नई दिल्ली: मुंह हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। इसलिए, इसकी सफाई को नजरअंदाज करना न केवल दांतों की समस्याओं को बढ़ावा देता है, बल्कि यह अन्य अंगों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। भले ही एक या दो दिन ब्रश न करना सामान्य लगे, लेकिन लंबे समय तक दांतों की देखभाल में लापरवाही करने से हमारे समग्र स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। मुंह में लाखों बैक्टीरिया होते हैं, और नियमित ब्रशिंग न करने से ये बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, जिससे सांसों में दुर्गंध उत्पन्न हो सकती है।


इसके अलावा, दांतों की नियमित सफाई न करने से कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। प्रसिद्ध दंत चिकित्सक डॉ. नियति अरोड़ा ने इस विषय पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है।


हृदय संबंधी समस्याएं: दांतों की सफाई में लापरवाही से हृदय संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। मौखिक स्वास्थ्य और हृदय रोग के बीच एक गहरा संबंध है। खराब मौखिक स्वास्थ्य से विषाक्त पदार्थ रक्त में मिल सकते हैं, जो हृदय तक पहुंच सकते हैं और स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।


मधुमेह: मसूड़ों की सूजन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने की क्षमता को कमजोर कर सकती है, जिससे उच्च रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है। यह बैक्टीरिया के विकास के लिए अनुकूल वातावरण भी बनाता है।


श्वसन संक्रमण: लंबे समय तक ब्रश न करने से मुंह के बैक्टीरिया श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। खराब मौखिक स्वास्थ्य समय से पहले जन्म और कम वजन के बच्चों से भी जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, यह हड्डियों के नुकसान का कारण भी बन सकता है। इसलिए, दांतों को स्वस्थ रखना समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।


कुल मिलाकर, मुंह से हानिकारक रोगाणु शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे गले और आंतों में संक्रमण हो सकता है। मौखिक स्वास्थ्य और स्वच्छता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपके मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कई उपाय उपलब्ध हैं, जैसे कि नियमित ब्रशिंग और फ्लॉसिंग। इसके अलावा, डेंटल स्केलिंग जैसी प्रक्रियाएं भी आपके दांतों को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं।


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