सुप्रीम कोर्ट
राजस्थान के पुलिस थानों में CCTV की अनुपस्थिति से संबंधित मामले की सुनवाई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई। इस दौरान, अदालत ने राज्य सरकार से सवाल किया कि पूछताछ कक्ष में CCTV कैमरे क्यों नहीं लगाए गए हैं। इसके साथ ही, अदालत ने यह भी पूछा कि राज्य सरकार निगरानी तंत्र को स्थापित करने के लिए क्या योजना बना रही है और क्या किसी एजेंसी को इस प्रक्रिया में शामिल किया जा सकता है?
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने स्पष्ट किया कि पुलिस थाने का पूछताछ कक्ष वह महत्वपूर्ण स्थान है, जहां CCTV कैमरे की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को बताया कि उनके हलफनामे के अनुसार, पूछताछ कक्ष में कोई कैमरा नहीं है, जो कि एक गंभीर मुद्दा है। हालांकि CCTV कैमरे लगाने में खर्च आएगा, लेकिन यह मानवाधिकारों से जुड़ा मामला है।
राजस्थान में पुलिस हिरासत में मौतों का मामलासुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और अन्य राज्यों से भी जवाब मांगा है। अदालत ने न्यायमित्र की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी। 4 सितंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें बताया गया था कि 2025 के पहले आठ महीनों में राजस्थान में पुलिस हिरासत में 11 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 7 घटनाएं उदयपुर संभाग में हुईं।
You may also like
राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित पूर्व प्रधानाचार्य मेजर डॉ. देवेंद्र सिंह का निधन
एनआईए ने केरल से फरार नक्सलियों के सहयोगी को किया गिरफ्तार
राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री देखेंगे छत्तीसगढ़ की झांकी
स्वदेशी को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को बनाएं सशक्त : सांसद
आकाशवाणी गोरखपुर में हंगामा, भाजपा नगर उपाध्यक्ष पर सिक्योरिटी गार्ड का हमला