कोविड-19 के बाद, लोगों के पेय पदार्थों के चयन में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। पहले जिन को सबसे पसंदीदा ड्रिंक माना जाता था, लेकिन अब इसकी मांग में कमी आ रही है। IWSR की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में जिन की बिक्री की वृद्धि दर 4% से भी कम रहने की संभावना है, जबकि पिछले वर्ष यह लगभग 9% थी।
क्राफ्ट जिन ब्रांड्स की चुनौती
यह गिरावट उस समय की तुलना में और भी चौंकाने वाली है जब जिन ब्रांड्स हर पार्टी और बार में प्रमुखता से मौजूद थे। गोवा से आए कई क्राफ्ट जिन ब्रांड्स जैसे ग्रेटर थान, समसारा, शॉर्ट स्टोरी और स्ट्रेंजर एंड संस ने इस बदलाव की शुरुआत की थी, लेकिन अब इनकी वृद्धि धीमी हो गई है।
उपभोक्ताओं के बदलते स्वाद
जैसे-जैसे नए विकल्प बाजार में आ रहे हैं, उपभोक्ताओं के स्वाद में भी बदलाव आ रहा है। जिन के प्रति पहले जो उत्साह था, वह अब वोडका और टकीला की ओर बढ़ रहा है। जिन की एक समस्या यह है कि इसमें ब्रांड स्टोरी का विकास व्हिस्की की तरह नहीं हो पाता। लोग तेजी से अपने पसंदीदा ब्रांड और यहां तक कि पूरी शराब की श्रेणी बदल लेते हैं।
स्टार्टअप्स की चुनौतियाँ
क्राफ्ट जिन बनाने वाली छोटी डिस्टिलरीज़, जिन्हें स्टार्टअप्स कहा जाता है, कम लाभ, सीमित बाजार पहुंच और बजट की कमी के कारण संघर्ष कर रही हैं। हालांकि इन्होंने इस श्रेणी को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन भारत जैसे बाजार में टिके रहना कठिन हो रहा है। ग्राहक जल्दी बोर हो जाते हैं और नए विकल्पों की तलाश में रहते हैं।
बड़ी कंपनियों की एंट्री
यूनाइटेड स्पिरिट्स ने नाओ स्पिरिट्स में हिस्सेदारी ली है, जबकि तिलकनगर इंडस्ट्रीज ने स्पेसमैन स्पिरिट्स लैब को खरीदा है, जो समसारा जिन का निर्माण करता है। पुराने खिलाड़ी जैसे अमृत डिस्टिलरी और जॉन डिस्टिलरीज़ भी जिन मार्केट में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वोडका और टकीला की बढ़ती लोकप्रियता ने जिन के लिए जगह कम कर दी है।