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102 वर्षीय बुजुर्ग ने अनोखे तरीके से दी ज़िंदगी का सबूत

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एक अनोखी बारात का आयोजन

आपने कई बारातें देखी होंगी, लेकिन हरियाणा के रोहतक में एक 102 वर्षीय बुजुर्ग द्वारा निकाली गई बारात ने सबको चौंका दिया। इस बारात में बुजुर्ग ने गाजे-बाजे के साथ सड़कों पर जश्न मनाया। बुजुर्ग बग्घी पर बैठे थे और उनके हाथ में एक साइन बोर्ड था, जिस पर लिखा था, 'थारा फूफा अभी जिंदा है।'


शादी का नहीं, बल्कि एक खास उद्देश्य

आप सोच रहे होंगे कि इस उम्र में शादी का क्या मतलब है। दरअसल, इस बारात का आयोजन शादी के लिए नहीं, बल्कि एक खास कारण से किया गया था। बुजुर्ग ने यह बारात इस बात को साबित करने के लिए निकाली कि वे जीवित हैं। सरकारी दस्तावेजों में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था, जिसके कारण उनकी पेंशन भी रुक गई थी।


सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित

इस बुजुर्ग का नाम दुलीचंद है। वह कई दिनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन अपनी ज़िंदगी का सबूत देने में असफल रहे। अंततः, उन्होंने बैंड-बाजे के साथ डीसी ऑफिस बारात लेकर जाने का अनोखा तरीका अपनाया।


लोगों ने किया समर्थन

बुजुर्ग का यह अनोखा विरोध लोगों को बहुत पसंद आया। ट्विटर पर एक यूजर ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा, 'थारा फूफा अभी जिंदा है। हरियाणा सरकार ने 102 वर्षीय बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया है, जिसके खिलाफ उन्होंने यह बारात निकाली।' इस वीडियो पर लोगों के मजेदार रिएक्शन भी आए हैं।


यहां देखें 102 साल के ताऊ की बारात


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