सीरिया में चल रहे गृहयुद्ध के बीच, राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए हैं, जिससे वहां के निवासियों की जिंदगी कठिन हो गई है। विद्रोही और सरकारी सेना दोनों ही आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं, खासकर लड़कियों को।
एक लड़की ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि जिहाद के नाम पर उसके साथ कई लोगों ने अत्याचार किया। इस भयानक घटना में उसके पिता भी शामिल थे। उसने कहा कि उसके घर पर कई लोग आए और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। वह चिल्लाती रही और मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन कोई नहीं आया। जब वह बेहोश हुई, तो उसने अपने पिता को बुलाया और उनसे पूछा कि उसके साथ यह सब क्यों हो रहा है।
जिहाद के नाम पर अत्याचार
उसके पिता ने उसे बताया कि सब कुछ ठीक है और यह सब जिहाद का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जब वह मरेगी तो शहीद कहलाएगी और उसे जन्नत मिलेगी। लड़की ने बताया कि वह बीमार हो गई और 23 दिनों तक बिस्तर पर पड़ी रही, लेकिन उसके पिता ने उसे डॉक्टर के पास ले जाने से मना कर दिया।
आर्मी के जवानों का आगमन
गांव में आर्मी के जवान आए और..
जब लड़की की तबियत कुछ ठीक हुई, तो उसके पिता ने फिर से पुरुषों को उसके पास भेजना शुरू कर दिया। यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक कि गांव में आर्मी के जवान नहीं आ गए। उसके पिता और अन्य लड़ाके गांव छोड़कर भाग गए। कुछ दिन बाद उसकी मां और भाई घर लौटे। लड़की ने अपनी मां से पूछा कि वे उसे छोड़कर क्यों भाग गए। जब उसने अपनी मां को अपनी आपबीती सुनाई, तो मां ने कहा कि जो हुआ, वह अच्छे के लिए था और उसे किसी को नहीं बताने की धमकी दी।
एक दिन, उसकी मां ने उसे बताया कि उसके साथ जो हो रहा था, वही सब उसके साथ भी हो रहा था, जिहाद के नाम पर।
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