नई दिल्ली: GST 2.0 की तैयारी तेज हो गई है. "एक देश, एक टैक्स" का सपना अब और ज्यादा सच्चा लगने लगा है.भारत सरकार ने GST (Goods and Services Tax) सिस्टम को सुधारने की कोशिशें तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में आज (27 मई 2025) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के बड़े बिज़नेसमैन और उद्योग संगठनों से एक अहम मीटिंग कर रही हैं. आज की मीटिंग की मुख्य बातेंGST को सरल और पारदर्शी बनाने पर बात होगी. 12% टैक्स स्लैब हटाकर सिर्फ 3 स्लैब रखने का सुझाव आ सकता है 5%, 18%, और 28%.बिजनेस जगत अपने सुझाव देगा जैसे टैक्स नियम आसान हों, क्लासिफिकेशन साफ हो, और झंझट कम हो. खाद्य वस्तुओं पर टैक्स दरों की अस्पष्टता (जैसे बिस्किट, पनीर, पिज़्ज़ा बेस पर कितने % टैक्स हो) भी चर्चा का बड़ा मुद्दा होगी.इस बैठक में वित्त मंत्रालय, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन भी शामिल होंगे. GST 2.0 क्या है?अभी GST में चार टैक्स स्लैब हैं – 5%, 12%, 18%, और 28%. GST 2.0 में सरकार सोच रही है कि 12% वाला स्लैब हटा दिया जाए, और सिर्फ तीन स्लैब रह जाएं.5% (आवश्यक चीजों पर),18% (सामान्य वस्तुएं/सेवाएं),28% (लग्ज़री और सिगरेट जैसी चीज़ें) फायदा क्या होगा?इससे टैक्स सिस्टम और ज्यादा सीधा, स्पष्ट और विवाद-मुक्त हो जाएगा. साथ ही, इसका फायदा उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों को भी मिलेगा. फूड आइटम्स पर टैक्सGST लागू होने के बाद से खाने की चीज़ों पर कितना टैक्स लगे, इस पर कई विवाद और कोर्ट केस हुए हैं. सरकार अब चाहती है कि एकदम साफ और समान टैक्स दर तय हो ताकि कोई भ्रम और केस न हों. India Inc (उद्योग जगत) क्या चाहता है? टैक्स दरें स्थिर रहें, बार-बार न बदलें किस चीज़ पर कितना टैक्स है, इसमें कंफ्यूजन ना हो कागज़ी काम कम हो, प्रोसेस आसान हो इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का सिस्टम साफ हो छोटे और मध्यम व्यापारियों (MSMEs) के लिए आसान व्यवस्था हो यह सुधार जरूरी क्यों है?GST को आए 6 साल हो गए, लेकिन इसके ढांचे में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. यह एक ऐसा टैक्स है जो सीधे खपत (consumption) और बाजार को प्रभावित करता है. इसलिए अगर इसे बेहतर और स्थिर बना दिया जाए, तो अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा मिलेगा. अब तक क्या हुआ?GST काउंसिल की बनी Group of Ministers (GoM) ने कुछ सामानों को एक स्लैब से दूसरे में शिफ्ट किया है, लेकिन पूरा ढांचा नहीं बदला. GST 2.0 में पहली बार पूरी संरचना को बदलने की तैयारी है. नतीजा क्या निकल सकता है?अगर सरकार, राज्यों और उद्योगों के बीच सहमति बन गई, तो GST 2.0 टैक्स सिस्टम को ज्यादा मजबूत, साफ और व्यापार के लिए बेहतर बना सकता है.
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