JSW स्टील को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने भुषण पावर एंड स्टील को खरीदने की JSW की योजना को पूरी तरह खारिज कर दिया है और कंपनी की जायदाद को बेचने यानी लिक्विडेशन का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि JSW स्टील की योजना न सिर्फ अवैध थी, बल्कि इसे कर्जदाताओं की समिति को मंजूर ही नहीं करना चाहिए था. कोर्ट ने यह भी कहा कि JSW की मंशा ठीक नहीं थी. उन्होंने ईडी की जांच का फायदा उठाया और दो साल तक समाधान योजना को लागू ही नहीं किया, जिससे IBC कानून का मकसद ही बिगड़ गया.इस खबर के बाद JSW स्टील के शेयर में करीब 6% की गिरावट देखने को मिली. यह 5.81% की गिरावट के साथ 970 रुपए के स्तर पर बंद हुआ. पिछले 1 महीने में भी JSW स्टील के शेयर में 8.14% की गिरावट देखने को मिली है. जबकि, इस साल अब तक यह शेयर 7.13% चढ़ चुका है. वहीं, पिछले 1 साल की बात करें तो JSW स्टील के शेयर में 8.95% की तेजी देखने को मिली है. JSW स्टील की सालों पुरानी कोशिश को सुप्रीम कोर्ट ने रोकाJSW स्टील की भुषण पावर एंड स्टील को खरीदने की सालों पुरानी कोशिश आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर जाकर रुक गई और वो भी बड़े झटके के साथ. देश की सबसे बड़ी अदालत ने JSW की रिजॉल्यूशन प्लान को खारिज कर दिया है और सीधे-सीधे कंपनी की संपत्तियों की नीलामी यानी लिक्विडेशन का आदेश दे दिया. कोर्ट ने क्या कहा?न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की अगुवाई वाली बेंच ने सख्त शब्दों में कहा कि JSW स्टील, कर्जदाताओं की समिति (CoC) और समाधान प्रक्रिया से जुड़े अफसरों ने Insolvency and Bankruptcy Code (IBC) 2016 के नियमों की खुलकर अनदेखी की. यहां तक कहा गया कि तीनों पक्षों ने कई जरूरी मुद्दों को 'कालीन के नीचे दबाने' की कोशिश की, यानी चीजें छुपाईं. कोर्ट ने JSW पर यह भी आरोप लगाया कि उसने अदालत के सामने गलत जानकारी दी. कोर्ट ने केवल JSW को ही नहीं, बल्कि कर्जदाताओं की समिति और समाधान प्रोफेशनल को भी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा इन्होंने अपना काम सही से नहीं किया, गलत योजना को मंजूरी दी और कर्जदाताओं के हितों की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल रहे. JSW का क्या प्लान था?JSW स्टील ने भुषण पावर को खरीदने के लिए कुल ₹19,350 करोड़ का ऑफर दिया था, जो कर्जदाताओं के बकाया का लगभग 60% हिस्सा था. इसके अलावा, छोटे ऑपरेशनल कर्जदाताओं को ₹733 करोड़ के दावों के बदले सिर्फ ₹350 करोड़ की पेशकश की गई थी. इस प्लान को 2019 में NCLT ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन इसके बाद कानूनी लड़ाई चलती रही. 2019 में ED ने भुषण पावर की ₹4,025 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भुषण पावर की ₹4,025 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी, जिसे JSW को ट्रांसफर करने पर भी विवाद हुआ. बाद में, 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने ED को यह संपत्ति JSW को सौंपने का आदेश दिया था. 2020 में NCLAT ने JSW स्टील को पुराने प्रमोटरों के अपराधों से अलग माना था, लेकिन ED इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पहुंच गया था.
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