Laxmi India Finance के 254 करोड़ रुपए के आईपीओ को कुल मिलाकर 1.86 गुना सब्सक्रिप्शन प्राप्त हुआ, जिसमें सबसे ज्यादा जोश रिटेल निवेशकों ने दिखाया। रिटेल कैटेगरी में आवेदन 2.20 गुना आए, जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) ने 1.83 गुना और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) ने 1.30 गुना हिस्सा भरा।
अलॉटमेंट स्टेटस आज होगा घोषितIPO के अलॉटमेंट की प्रक्रिया आज यानी 1 अगस्त को पूरी होने की उम्मीद है। निवेशक MUFG Intime India (पहले Link Intime) की वेबसाइट पर जाकर अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं। इसके अलावा BSE की वेबसाइट पर भी स्टेटस देखा जा सकता है। रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर चेक करने के स्टेप्स यहां दिए गए हैं:
* स्टेप 1 : एमयूएफजी इंटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (https://in.mpms.mufg.com/Initial_Offer/public-issues.html) पर जाएं।
* स्टेप 2 : ड्रॉपडाउन में कंपनी का नाम चुनें।
* स्टेप 3 : पैन नंबर या एप्लिकेशन नंबर या क्लाइंट आईडी या अकाउंट नंबर या आईएफएससी दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें।
GMP ने निवेशकों की चिंता बढ़ाईआईपीओ को लेकर भले ही सब्सक्रिप्शन अच्छा रहा हो, लेकिन ग्रे मार्केट में इसका कोई असर नहीं दिखा है। वर्तमान में GMP यानी ग्रे मार्केट प्रीमियम 1.5 रुपए पर है, जो बताता है कि लिस्टिंग फ्लैट या बहुत कम मुनाफे वाली हो सकती है। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 5 अगस्त को BSE और NSE पर होगी।
IPO का स्ट्रक्चर और कंपनी की योजना
इस इश्यू में 1.05 करोड़ नए शेयर जारी किए गए, जिससे कंपनी को 165.17 करोड़ रुपए मिले, जबकि प्रमोटर्स ने 0.56 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत बेचे जिनकी वैल्यू 89.09 करोड़ रुपए रही। जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी अपने पूंजी आधार को मजबूत करने और भविष्य की लोन ग्रोथ में करेगी।
NBFC सेक्टर की मजबूत कंपनीLaxmi India Finance राजस्थान स्थित एक NBFC है, जो मुख्य रूप से MSME लोन, वाहन फाइनेंस और कंस्ट्रक्शन लोन पर केंद्रित है। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का मुनाफा 60% बढ़कर 36 करोड़ रुपए पहुंचा है, जबकि रेवेन्यू में 42% की छलांग लगाकर यह 248 करोड़ रुपए हो गया है।
आईपीओ का उद्देश्य
लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस कंपनी के आईपीओ से प्राप्त शुद्ध आय का उपयोग कंपनी भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से अपनी पूंजी आधार को मजबूत करने में करेगी, ताकि आगे ऋण वितरण (ऑनवर्ड लेंडिंग) की प्रक्रिया को सुचारू रूप से बढ़ाया जा सके। इसके लिए कंपनी ने एक बड़ा हिस्सा निर्धारित किया है, जिससे वह अपने फाइनेंशियल स्ट्रक्चर को और अधिक स्थिर और सुदृढ़ बना सके।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
अलॉटमेंट स्टेटस आज होगा घोषितIPO के अलॉटमेंट की प्रक्रिया आज यानी 1 अगस्त को पूरी होने की उम्मीद है। निवेशक MUFG Intime India (पहले Link Intime) की वेबसाइट पर जाकर अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं। इसके अलावा BSE की वेबसाइट पर भी स्टेटस देखा जा सकता है। रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर चेक करने के स्टेप्स यहां दिए गए हैं:
* स्टेप 1 : एमयूएफजी इंटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (https://in.mpms.mufg.com/Initial_Offer/public-issues.html) पर जाएं।
* स्टेप 2 : ड्रॉपडाउन में कंपनी का नाम चुनें।
* स्टेप 3 : पैन नंबर या एप्लिकेशन नंबर या क्लाइंट आईडी या अकाउंट नंबर या आईएफएससी दर्ज करें और सबमिट पर क्लिक करें।
GMP ने निवेशकों की चिंता बढ़ाईआईपीओ को लेकर भले ही सब्सक्रिप्शन अच्छा रहा हो, लेकिन ग्रे मार्केट में इसका कोई असर नहीं दिखा है। वर्तमान में GMP यानी ग्रे मार्केट प्रीमियम 1.5 रुपए पर है, जो बताता है कि लिस्टिंग फ्लैट या बहुत कम मुनाफे वाली हो सकती है। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 5 अगस्त को BSE और NSE पर होगी।
IPO का स्ट्रक्चर और कंपनी की योजना
इस इश्यू में 1.05 करोड़ नए शेयर जारी किए गए, जिससे कंपनी को 165.17 करोड़ रुपए मिले, जबकि प्रमोटर्स ने 0.56 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत बेचे जिनकी वैल्यू 89.09 करोड़ रुपए रही। जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी अपने पूंजी आधार को मजबूत करने और भविष्य की लोन ग्रोथ में करेगी।
NBFC सेक्टर की मजबूत कंपनीLaxmi India Finance राजस्थान स्थित एक NBFC है, जो मुख्य रूप से MSME लोन, वाहन फाइनेंस और कंस्ट्रक्शन लोन पर केंद्रित है। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का मुनाफा 60% बढ़कर 36 करोड़ रुपए पहुंचा है, जबकि रेवेन्यू में 42% की छलांग लगाकर यह 248 करोड़ रुपए हो गया है।
आईपीओ का उद्देश्य
लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस कंपनी के आईपीओ से प्राप्त शुद्ध आय का उपयोग कंपनी भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से अपनी पूंजी आधार को मजबूत करने में करेगी, ताकि आगे ऋण वितरण (ऑनवर्ड लेंडिंग) की प्रक्रिया को सुचारू रूप से बढ़ाया जा सके। इसके लिए कंपनी ने एक बड़ा हिस्सा निर्धारित किया है, जिससे वह अपने फाइनेंशियल स्ट्रक्चर को और अधिक स्थिर और सुदृढ़ बना सके।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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