भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर वरुण चक्रवर्ती क्रिकेट के मैदान पर अपनी गेंदबाजी से सुर्खियां बटोरने में सफल रहते हैं लेकिनहाल ही में वो एक अलग वजह के चलते सुर्खियों में हैं। चक्रवर्तीउस 10 वर्षीय प्रतियोगी इशित भट्ट के समर्थन में सामने आए हैं, जो कौन बनेगा करोड़पति 17 (KBC जूनियर एडिशन) में हिस्सा लेने के बाद ऑनलाइन ट्रोलिंग का शिकार हो रहा है।
इशित, जो गुजरात से हैं, को शो के दौरान होस्ट अमिताभ बच्चन के साथ बातचीत के दौरान रूडrdquo; और ओवरकॉन्फिडेंटrdquo; कहे जाने लगा। एपिसोड, जो इस हफ्ते की शुरुआत में प्रसारित हुआ, में इशित ने खेल के नियमों की जानकारी होने का हवाला देते हुए बच्चन को टोका और कहा, मुझे नियम पता हैं, इसलिए मुझे मत समझाओ।rdquo;
इसके अलावा, उन्होंने शो की गति बढ़ाने की मांग करते हुए कहा, चलो, मुझे ऑप्शन दो।rdquo; इस व्यवहार ने दर्शकों का ध्यान खींचा, लेकिन सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं मिश्रित रहीं। जहां कुछ लोगों ने इसे एक आत्मविश्वासी बच्चे का उदाहरण माना।वहीं, बड़ी संख्या में यूज़र्स ने इसे बदतमीज़ी कहा। सोशल मीडिया पर ट्रोल्स ने यहां तक कि इशित के माता-पिता की परवरिश पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। इस तरह की आलोचना सिर्फ बर्ताव की नहीं, बल्कि पर्सनल अटैक का रूप लेने लगी।
Example of how social media has become a place for cowards running their mouths without any sense.! He is a kid for god sake !! Let him grow !! If u can#39;t tolerate a kid, imagine the society still tolerating many nut cases like the ones commenting on this kid and much more !!!!! pic.twitter.com/O3UQEYKH55
mdash; Varun Chakaravarthy (@chakaravarthy29) October 15, 2025इसी बीच वरुण चक्रवर्ती ने इन आलोचनाओं की कड़ी निंदा की और सोशल मीडिया पर चल रहे ट्रोलिंग कल्चर की आलोचना करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, येइस बात का उदाहरण है कि कैसे सोशल मीडिया कायरों का अड्डा बन गया है, जहां बिना सोचे-समझे किसी को भी निशाना बनाया जाता है। वोसिर्फ एक बच्चा है! उसे बड़ा होने दो। अगर आप एक 10 साल के बच्चे की बातें सहन नहीं कर सकते, तो सोचिए समाज कितनी विकृत सोच को बर्दाश्त कर रहा है।
Also Read: LIVE Cricket Scoreयेमामला सिर्फ एक रियलिटी शो तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इससे मॉडर्न पैरेंटिंग, बच्चों के सार्वजनिक व्यवहार, और समाज की प्रतिक्रिया जैसे मुद्दों पर भी चर्चा शुरू हो गई। कई विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों का स्वभाव उनके माहौल और परवरिश दोनों का मिला-जुला असर होता है, लेकिन हर व्यवहार के लिए माता-पिता को दोष देना हमेशा उचित नहीं होता।
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