विल्सन जोंस का जन्म 2 मई 1922 को पुणे में हुआ था। विल्सन बचपन से ही खेलों में रुचि रखते थे। वे शुरुआत में हॉकी और क्रिकेट खेलते थे। 17 साल की उम्र में विल्सन ने पहली बार बिलियर्ड्स टेबल देखी थी। 18 साल की उम्र में उन्होंने बिलियर्ड्स खेलना शुरू किया। उनकी इस खेल में ऐसी दिलचस्पी बढ़ी कि बाकी खेल पीछे छूट गए। इस खेल में कुछ बड़ा करने का जुनून ऐसा था कि वे रात में काम करते थे और दिन में खेलते थे।
विल्सन ने 1949 में पहली बार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में कदम रखा था, तब टी. जे. सेल्वाराज से हार गए थे। हार ने उनके जोश को कम नहीं किया और अगले ही साल सेल्वाराज को ही हराकर नेशनल चैंपियन बने। इसके बाद विल्सन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 12 बार नेशनल चैंपियन बने। पांच बार स्नूकर में वह नेशनल चैंपियन रहे।
विल्सन जोंस का जन्म 2 मई 1922 को पुणे में हुआ था। विल्सन बचपन से ही खेलों में रुचि रखते थे। वे शुरुआत में हॉकी और क्रिकेट खेलते थे। 17 साल की उम्र में विल्सन ने पहली बार बिलियर्ड्स टेबल देखी थी। 18 साल की उम्र में उन्होंने बिलियर्ड्स खेलना शुरू किया। उनकी इस खेल में ऐसी दिलचस्पी बढ़ी कि बाकी खेल पीछे छूट गए। इस खेल में कुछ बड़ा करने का जुनून ऐसा था कि वे रात में काम करते थे और दिन में खेलते थे।
Also Read: LIVE Cricket Scoreसंन्यास के बाद कोचिंग के क्षेत्र में भी वह सक्रिय रहे। ओम अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल और अशोक शांडिल्य जैसे खिलाड़ी उनके शिष्य रहे हैं। बिलियर्ड्स में उनकी असाधारण सफलता का सम्मान भारत सरकार ने किया और 1962 में अर्जुन पुरस्कार, 1965 में पद्मश्री, 1996 में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया। 2003 को हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था। उनके निधन की तारीख को लेकर स्पष्टता नहीं है। कहीं 4 अक्टूबर तो कहीं 5 अक्टूबर को उनके निधन की जानकारी मिलती है। विल्सन को भारतीय बिलियर्ड्स के भीष्म पितामह के रूप में याद किया जाता है।
Article Source: IANSYou may also like
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