जलपाईगुड़ी, 23 मई (हि.स.)।
लगभग दो दशकों से लापता पिता जब अपने बेटे से मिला तो माहौल भावुक हो उठा। पिता-पुत्र के इस भावुक पुनर्मिलन का गवाह बना पश्चिम बंगाल का जलपाईगुड़ी जिला। एक समय जो बच्चा मात्र 10 साल का था, वह अब 30 की उम्र में अपने खोए हुए पिता को ढूंढ लाया। बेटे ने पुलिस को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह पुनर्मिलन उनके सहयोग के बिना संभव नहीं था।
बेलाकोबा पुलिस फाड़ी परिसर में गुरुवार को वह दृश्य देखने को मिला जिसने हर किसी को भावुक कर दिया। नवजीत दास नामक युवक ने अचानक अपने पिता निताईचंद्र दास को सामने देखा और दौड़कर गले लगा लिया। निताईबाबू की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा, चेहरा भले ही बदल गया हो, लेकिन दिल ने बेटे को तुरंत पहचान लिया।
नवजीत ने बताया कि उन्होंने बनरहाट थाने में अपने पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कई वर्षों की तलाश के बाद उन्हें पुलिस से सूचना मिली कि उनके पिता बेलाकोबा इलाके में हैं। वह बताते हैं, “मैंने अपने पिता को आखिरी बार तब देखा था जब मैं पांचवीं कक्षा में था। आज 20 साल बाद उन्हें सामने देखकर मैं खुद को रोक नहीं पाया।”
इस पुनर्मिलन के पीछे सिविक वोलंटियर सुमन साहा की अहम भूमिका रही, जिसे नवजीत ने विशेष रूप से धन्यवाद दिया। साथ ही, बेलाकोबा फाड़ी के ओसी अरिजीत कुंडू के सामने यह मिलन हुआ, जिसने पुलिसकर्मियों को भी भावुक कर दिया। सख्त माने जाने वाले पुलिसकर्मियों की आंखें भी इस दृश्य को देखकर नम हो गईं।
निताईबाबू ज्यादा बोल नहीं पाए, लेकिन उन्होंने पुलिस को धन्यवाद दिया।
इससे पहले गंगासागर मेले में भी एक ऐसी घटना सामने आई थी, जहां एक पति ने बीस साल बाद अपनी पत्नी को खोज निकाला था।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय
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