टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के एक दिन बाद गुरुग्राम में उनके घर के बाहर सन्नाटा पसरा है. कुछ लोग बैठे हैं. सभी पुरुष हैं. ज़्यादातर ख़ामोश. बात हो भी रही है तो दबी आवाज़ में. अगर मीडिया से कोई बात करता भी है तो अपनी पहचान सार्वजनिक करने से हिचकिचाता है.
राधिका की हत्या दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर 57 में 10 जुलाई की सुबह कर दी गई. इस हत्या का आरोप उनके पिता पर लगा है. गुरुग्राम पुलिस के मुताबिक, राधिका के पिता ने बेटी पर पीछे से तीन गोलियाँ चलाई थीं. पुलिस ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने अपना जुर्म कु़बूल कर लिया है.
राधिका के चाचा कुलदीप यादव की शिकायत के आधार पर गुरुग्राम पुलिस ने मामला दर्ज किया है. राधिका के पिता दीपक यादव को गुरुग्राम की एक अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
बीबीसी हिन्दी की टीम इस घटना से जुड़े पहलुओं के बारे में जानने के लिए 11 जुलाई को गुरुग्राम गई. हमने जो देखा और लोगों ने जो बताया, यह रिपोर्ट उसी के बारे में है.
राधिका के एक रिश्तेदार राज कुमार ने बीबीसी से कहा, "ग़लत तो हुआ ही है. अंदर तक झकझोर दिया हम सबको. एक बाप अपनी बेटी को इतना चाहता था और अब ये ऐसे हो गया. ये हमें नहीं पता कि उनमें आपस में क्या बात हुई क्या नहीं हुई."
हमें वहाँ राधिका के एक क़रीबी रिश्तेदार मिले. उन्होंने नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर हमसे बात की. उन्होंने पुलिस की बताई बात का ही विस्तार किया.
वे कहते हैं, ''अगर किसी परिवार की बेटी इतना बड़ा नाम कमाती है तो किसे बुरा लगेगा? वह एक टेनिस अकादमी चलाती थी और उसके पिता को इस कारण ताने सुनने पड़ते थे. इस कारण वो ग़ुस्से में थे. उन्होंने अपनी बेटी को गोली मार दी. जो हुआ वो दुखद है, लेकिन अब हम क्या कर सकते हैं?''
उम्मीद है, पुलिस की जाँच के बाद अभी इस मामले की और परतें खुलेंगी. लेकिन राधिका के पिता ने पुलिस को दिए अपने बयान में लोगों के ताने मारने की जो बात कही है, उससे समाज की ख़ास तरह की मानसिकता ही सामने आती है.

कभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाली राधिका यादव की हत्या ने सोशल मीडिया के साथ-साथ अन्य हलकों में भी व्यापक चर्चा छेड़ दी है. बीबीसी ने घटनास्थल का दौरा किया और हालात समझने की कोशिश की.
जब हम राधिका के घर पहुंचे, उनके तीन मंज़िला घर के दरवाजे़ बंद थे. राधिका और उनका परिवार घर की दूसरी मंज़िल पर रहते थे. बाहर मीडिया के लोग और रिश्तेदार थे.
अधिकतर रिश्तेदार इस मामले में बात करने के लिए तैयार नहीं थे और जिन्होंने बात की उन्होंने भी बहुत कम जानकारी दी.
यहां कई लोग राधिका की मौत से सदमे में दिख रहे थे.
क्या हुआ था?पुलिस के अनुसार, ये हत्या 10 जुलाई की सुबह लगभग 10 बजकर 30 मिनट पर हुई.
पुलिस ने जो एफ़आईआर लिखी है उसके अनुसार दीपक यादव ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
पुलिस के मुताबिक दीपक यादव ने कहा, "मेरी बेटी राष्ट्रीय चैंपियन थी. कंधे में चोट लगने के बाद, उसने अपनी अकादमी शुरू करने का फै़सला किया. जब मैं दूध लेने अपने गाँव वज़ीराबाद जाता था, तो लोग मुझे ताना मारते थे. लोग कहते थे, 'तुम अपनी बेटी की कमाई पर गुज़ारा करते हो.' इससे मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती थी. मुझे यह पसंद नहीं था, इसलिए मैंने उससे कहा कि वो अकादमी बंद कर दे. लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी, इसलिए मैंने उसे गोली मार दी."
पुलिस का कहना है कि दीपक यादव ने बताया है कि उन्होंने राधिका पर तीन गोलियाँ चलाईं, जिससे राधिका की मौत हो गई.
दीपक यादव दावा करते हैं कि वो लोगों के ताने बर्दाश्त नहीं कर सके, लेकिन मीडिया और राधिका के परिजन अन्य कारणों पर चर्चा कर रहे हैं.
उनके एक क़रीबी रिश्तेदार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "राधिका के टेनिस खेलने का दीपक ने कभी विरोध नहीं किया. बल्कि, उन्होंने खुद उसके लिए खेल के उपकरण पर लाखों रुपये खर्च किए थे. वो बहुत शांत स्वभाव वाले व्यक्ति थे. हम सभी को आश्चर्य है और हम समझ नहीं पा रहे हैं कि यह कैसे हुआ."
पुलिस ने बताया कि राधिका की माँ मंजू यादव ने कोई लिखित बयान नहीं दिया है, लेकिन उन्होंने पुलिस को बताया है कि जिस समय ये घटना हुई वो उस समय दूसरे कमरे में सो रही थीं.
उन्होंने पुलिस से कहा, "मेरी बेटी बहुत अच्छे स्वभाव की थी. मुझे समझ नहीं आ रहा कि दीपक ने उसे क्यों मारा."
जिस समय ये घटना हुई उस वक्त राधिका के भाई धीरज यादव घर पर नहीं थे.
एक तरफ पुलिस का कहना है कि पिता ने अकादमी न बंद करने के कारण राधिका की हत्या करने का दावा किया है. हालांकि, इसके उलट राधिका यादव के रिश्तेदारों का कहना है पिता दीपक यादव ने बेटी के टेनिस खेलने का हमेशा समर्थन किया है.
पुलिस के अनुसार हत्या के पीछे के असल इरादे का पता जांच के बाद लग सकता है. तब तक इस मामले में और जानकारी का इंतज़ार रहेगा.
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कुछ महीने पहले, राधिका ने गुरुग्राम के सेक्टर 61 में एक जगह किराए पर ली. यहां उन्होंने एक टेनिस अकादमी शुरू की.
अकादमी परिसर की देखभाल करने वाले तनु ने बताया, "राधिका मैडम रोज़ सुबह और शाम यहां आती थीं. उन्होंने एक महीने पहले क्लासेस शुरू की थीं. दो-चार बच्चे सीखने आते थे. वो बड़ी लगन से बच्चों को सिखाती थीं. हम बस यही जानते थे."
राधिका का टेनिस करियरअंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ़) की वेबसाइट के अनुसार, राधिका ने आईटीएफ़ के तहत 36 सिंगल्स और सात डबल्स मैच खेले.
मार्च 2024 में उन्होंने अपना आख़िरी एकल मैच खेला था. वहीं जून 2023 में उन्होंने आख़िरी युगल मैच खेला था. इसके बाद कंधे में चोट के बाद, उन्होंने गुरुग्राम में अपनी टेनिस अकादमी शुरू की थी.
उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया. साल 2024 में उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ आईटीएफ़ युगल रैंकिंग 113 हासिल किया था.
राधिका की मौत के बाद, कई खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर शोक ज़ाहिर किया है.
राष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी सौजन्या बाविसेट्टी ने लिखा, "यह दिल तोड़ने वाला है. एक टूर्नामेंट में मेरी एक बार उनसे मुलाक़ात हुई थी. उनकी मुस्कान बहुत प्यारी थी. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि उनके पिता ने इतना भयानक अपराध किया. एक बेवकूफ़ाना सोच कि 'लोग क्या कहेंगे?' के कारण उन्होंने अपनी जान गँवा दी."
वहीं टेनिस खिलाड़ी शर्मदा बालू ने लिखा, "यह ख़बर दिल तोड़ने वाली और बेहद परेशान करने वाली है."
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गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार के मुताबिक, "दीपक यादव इमारतें किराए पर देते हैं. वो अपनी बेटी की अकादमी से खुश नहीं थे. उन्हें लगता था कि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है इसलिए उनकी बेटी को काम करने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने अपनी बेटी से अकादमी बंद करने के लिए कहा था."
संदीप कुमार बताते हैं, "राधिका ने इसके लिए मना कर दिया. इसके बाद दोनों के बीच काफी बहस हुई और दीपक यादव ने अपनी लाइसेंस वाली बंदूक से राधिका की हत्या कर दी. हमने अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है और हथियार भी ज़ब्त कर लिया है."
क्या एक म्यूज़िक वीडियो कारण था?राधिका यादव की हत्या के बाद, इस तरह की अफ़वाहें फैलीं कि एक साल पहले इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई कोई रील या कोई म्यूज़िक वीडियो उनकी हत्या का कारण हो सकता है.
पुलिस ने इससे इनकार किया है.
संदीप कुमार का कहना है, "अभी तक हमारी जाँच में हत्या और उस म्यूज़िक वीडियो के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है. ये सिर्फ़ अफ़वाहें हैं."
मीडिया इस मामले को अलग एंगल न दे- इनाम उल-हक़
राधिका यादव हत्या मामले में जिस म्यूज़िक वीडियो की बात हो रही है वो दरअसल एक साल पुराना वीडियो है.
उस वीडियो में इनाम उल हक़ ने काम किया था. वो फिलहाल दुबई में हैं.
उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, "हमारे गाने की शूटिंग चार-पाँच घंटे चली थी. हमने नोएडा में शूटिंग की थी. शूटिंग के दौरान राधिका की माँ हमारे साथ थीं. राधिका ने मुझे यह भी बताया कि उनके पिता को यह गाना बहुत पसंद आया."
इनाम उल हक़ बताते हैं, "वहाँ बहुत सारे लोग मौजूद थे. राधिका के साथ मेरा संबंध प्रोफ़ेशनल था. जब मैंने पहली बार उन्हें (राधिका को) देखा था, तो उन्होंने मेरी टीम के साथियों से कहा था कि उन्हें इस एरिया में इंटरेस्ट है. वह एक एक्ट्रेस बनना चाहती हैं."
उन्होंने कहा, "शूटिंग के बाद हमारी बात हुई, लेकिन मुलाक़ात नहीं हुई. उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर इस गाने का प्रमोशन भी नहीं किया. हमारे कई दोस्त हैं जो अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिवेट और डीएक्टिवेट करते रहते हैं. राधिका ने भी दो-तीन बार अपना सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट किया था."
इनाम आगे बताते हैं, "ये गाना चला नहीं इसलिए मैंने सोचा कि ये गाना सोशल मीडिया से हटा दूं. मुझे इस गाने में आख़िरी समय पर कास्ट किया गया था और इस गाने में अपना लुक मुझे पसंद नहीं आया. अगर यह हादसा नहीं हुआ होता, तो मैं इस गाने को हटा देता. इसे अभी हटाना ठीक नहीं होगा."
इनाम उल हक़ ने बीबीसी से कहा, "मुझे गुरुग्राम पुलिस की तरफ से कोई फ़ोन नहीं आया. अगर मुझे फ़ोन आता है, तो मैं उन्हें सब कुछ बता दूंगा. एक इंसान के तौर पर मुझे राधिका की मौत का दुख है. इस इंटरव्यू में मैंने जो कहा है, वह मेरा सच है. मेरी गुज़ारिश है कि इसे कोई एंगल न दें. हम किसी के धर्म को देखकर काम नहीं करते."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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