फ़िल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप अपनी एक जातिगत टिप्पणी को लेकर चर्चा में हैं. इसको लेकर उनकी काफ़ी आलोचना हो रही है.
इस टिप्पणी के बाद अनुराग कश्यप ने दावा किया कि उनके परिवार और दोस्तों को तरह-तरह की धमकियां मिल रही हैं. साथ ही उन्होंने अपने बयान के लिए माफ़ी भी मांगी.
अनुराग कश्यप की टिप्पणी पर कुछ जाने-माने लोगों ने भी प्रतिक्रिया दी है. मनोज मुंतशिर ने तो उन्हें खुला चैलेंज भी दिया.
लेकिन, यह पहली बार नहीं है जब अनुराग कश्यप विवादों में आए हों. इससे पहले भी वो कई विवादों में फंस चुके हैं.
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इसका सबसे बड़ा कारण है कि वह अक्सर मुखर रहते हैं. पिछले दिनों नेटफ़्लिक्स की सिरीज़ 'एडोलसेंस' को लेकर भी अनुराग कश्यप ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर नाराज़गी ज़ाहिर की थी.
अनुराग कश्यप अक्सर सेंसर बोर्ड की निंदा करते रहे हैं, जिसकी वजह से फ़िल्म 'उड़ता पंजाब' (2016) और सेंसर बोर्ड के बीच काफ़ी टकराव हुआ.
अनुराग का विवादों से पुराना नाता रहा है. चाहे उनके बेबाक बयान हों, सोशल मीडिया पर पोस्ट हों, पारिवारिक रिश्ते हों या फ़िल्म कंपनी में अपने पार्टनर्स के साथ झगड़े.
दरअसल, यह विवाद 'फुले' फ़िल्म की रिलीज़ को लेकर शुरू हुआ था.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि 'फुले' फ़िल्म पर सेंसर बोर्ड की 'कैंची' चली है, जिसके बाद अनुराग कश्यप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया.
उन्होंने कहा, "धड़क-2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम ख़त्म कर दिया है. उसी आधार पर 'संतोष' भी इंडिया में रिलीज़ नहीं हुई."
अनुराग कश्यप ने कहा, "अब ब्राह्मण को समस्या है 'फुले' से. भइया, जब कास्ट सिस्टम नहीं है तो काहे का ब्राह्मण. जब कास्ट सिस्टम था नहीं, तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थीं?"
उनके इस पोस्ट पर एक यूज़र ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिस पर अनुराग कश्यप ने रिप्लाई किया.
यह विवाद उनके इसी रिप्लाई पर हो रहा है. हालांकि, बाद में अनुराग कश्यप ने इस मामले पर माफ़ी भी मांगी.
'मी टू' आंदोलन के दौरान एक महिला ने फ़िल्मकार विकास बहल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
यह महिला फ़ैंटम फ़िल्म प्रोडक्शन हाउस में काम करती थीं और फ़ैंटम के संस्थापक अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवानी, मधु मंतेना और विकास बहल थे.
महिला ने आरोप लगाया था कि यौन हमले की शिकायत उन्होंने अनुराग कश्यप से की थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.
महिला की इस शिकायत की पुष्टि करते हुए अनुराग कश्यप ने हफ़िंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में कहा था कि जो भी हुआ वो ग़लत था.
इसके बाद अनुराग कश्यप ने फ़ैंटम प्रोडक्शन हाउस को ख़त्म करने की घोषणा कर दी थी.
साल 2020 में अभिनेत्री पायल घोष ने अनुराग कश्यप पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
उन्होंने अनुराग कश्यप को ट्विटर पर टैग करते हुए लिखा था कि अनुराग कश्यप ने उनके साथ ज़बरदस्ती की.
पायल घोष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की अपील की थी और कहा था कि अनुराग कश्यप के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए और देश को हक़ीक़त के बारे में जानकारी हो.
पायल घोष के आरोपों का समर्थन करते हुए अभिनेत्री कंगना रनौत ने अनुराग कश्यप की गिरफ़्तारी की मांग की थी.
हालांकि, अनुराग कश्यप ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था और कहा था कि वो ना तो किसी महिला से ऐसा व्यवहार करते हैं और ना ही ये व्यवहार किसी क़ीमत पर बर्दाश्त करेंगे.
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद सोशल मीडिया पर 'फ़िल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म' यानी भाई-भतीजावाद को लेकर काफ़ी बहस हुई थी.
उस वक्त अनुराग कश्यप ने इस बहस पर सवाल उठाया था कि यह चर्चा सिर्फ़ अभिनेताओं तक ही क्रेंद्रित क्यों रह जाती है? जबकि, एक फ़िल्म को बनाने में सौ से अधिक लोग अपना ख़ून-पसीना बहाते हैं.
इस बहस में कई कलाकारों और अन्य लोगों ने भाई-भतीजावाद पर टिप्पणी की थी.
कंगना रनौत समेत कुछ अन्य कलाकार जो ख़ुद को 'फ़िल्म इंडस्ट्री में बाहरी' बताते रहे हैं, ने खुलकर इस विषय पर बोला था.
फ़िल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज़्म को लेकर हुई बहस के बीच कंगना रनौत और अनुराग कश्यप ने एक-दूसरे पर कई टिप्पणियां की थीं.
उस वक्त अनुराग कश्यप ने कहा था कि कंगना रनौत कभी उनकी बहुत अच्छी दोस्त हुआ करती थीं, लेकिन अब जो नई कंगना दिखाई देती हैं उन्हें वो नहीं जानते.
अनुराग कश्यप ने यह तक कह दिया था कि 'यह कंगना मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही है.'
दोनों के बीच हुई बहस में अभिनेता रणवीर शौरी भी कूद पड़े थे, जिसके बाद अनुराग कश्यप उन पर भड़क गए थे और उन्हें साफ़-साफ़ बात कहने की नसीहत दे डाली थी.
रणवीर शौरी ने कहा था कि कई स्वतंत्र और फ़िल्म योद्धा मेनस्ट्रीम बॉलीवुड के चाटुकार बन चुके हैं. ये वही लोग हैं जो चौबीसों घंटे, सातों दिन सिस्टम के बारे में लगातार बोला करते थे, जब तक उन्हें मेनस्ट्रीम बॉलीवुड के बहुमूल्य दरवाज़ों से एंट्री नहीं मिल गई.
रणवीर शौरी के इस ट्वीट के बाद दोनों ने एक-दूसरे पर जवाबी ट्वीट किया और कई टिप्पणियां की थीं.
'उड़ता पंजाब' को लेकर सेंसर बोर्ड से भिड़ेअनुराग कश्यप की फ़िल्म 'उड़ता पंजाब' की रिलीज़ से पहले सेंसर बोर्ड ने कई आपत्तियां दर्ज कराई थीं और कट लगाने के निर्देश दिए थे.
इन निर्देशों को अनुराग कश्यप ने बेवजह बताया था.
उनका कहना था कि पहलाज निहलानी (सेंसर बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष) नियम-क़ानून को दरकिनार करके सेंसर बोर्ड को चला रहे हैं.
अनुराग कश्यप का ये भी कहना था कि निहलानी अपनी नैतिकता पूरी दुनिया के सिनेमा पर थोपना चाहते हैं.
वहीं, पहलाज निहलानी ने कहा था कि फ़िल्म 'उड़ता पंजाब' पर लिए गए फ़ैसले पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं था.
उन्होंने कहा था, "केंद्र ने कभी भी सेंसर बोर्ड पर दबाव नहीं दिया है. इस फ़ैसले पर कोई राजनीतिक असर नहीं था."
साथ ही निहलानी ने अनुराग कश्यप को 'डिक्टेटर' (तानाशाह) बताया था.
हालांकि, बाद में यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष पहुंचा और कोर्ट ने एक कट के साथ फ़िल्म को रिलीज़ करने का फ़ैसला सुनाया.
हाई कोर्ट ने 'उड़ता पंजाब' विवाद के दौरान साफ़ किया कि सेंसर बोर्ड फ़िल्म को रोकने या काटने-छांटने वाला नहीं, बल्कि सिर्फ़ प्रमाण पत्र देने वाली संस्था है.
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