एशिया कप 2025 के फ़ाइनल में भारत ने पाकिस्तान को पाँच विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया.
लेकिन जीत के तुरंत बाद जो कुछ हुआ, ऐसा क्रिकेट के मैदान पर पहले कभी नहीं देखा गया.
भारतीय टीम ने एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी से ट्रॉफ़ी लेने से इनकार कर दिया. नक़वी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन भी हैं.
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने बाद में कहा कि खिलाड़ियों ने यह फ़ैसला पहले से ही किया था.
मैच में पाकिस्तान का 147 रनों का लक्ष्य भारत ने 19.4 ओवर में पाँच विकेट खोकर हासिल किया.
तिलक वर्मा ने नाबाद 69 रन बनाए और शिवम दुबे ने 33 रनों का योगदान दिया.
लेकिन भारत की जीत से ज़्यादा चर्चा इस बात की हुई कि भारतीय खिलाड़ी मंच पर ट्रॉफ़ी लेने नहीं पहुँचे.
मैच के बाद क्या-क्या हुआजीत के तुरंत बाद होने वाला पुरस्कार वितरण समारोह करीब एक घंटे देर से शुरू हुआ. इस दौरान प्रसारण में पूर्व न्यूज़ीलैंड ऑलराउंडर साइमन डूल ने घोषणा की कि भारतीय टीम न तो पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेगी और न ही ट्रॉफ़ी उठाएगी.
इसके बाद बीसीसीआई के सचिव देवजीत सैकिया ने पुष्टि की कि भारतीय खिलाड़ियों ने एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नक़वी से ट्रॉफ़ी स्वीकार नहीं करने का फ़ैसला लिया है.
इसी कारण विजेता टीम मंच पर नहीं आई और ट्रॉफ़ी कप्तान को नहीं दी गई.
तिलक वर्मा (मैन ऑफ द मैच), अभिषेक शर्मा (मैन ऑफ द टूर्नामेंट) और कुलदीप यादव (एमवीपी) अपने-अपने व्यक्तिगत पुरस्कार लेने के लिए मंच पर ज़रूर पहुँचे. लेकिन उन्होंने मोहसिन नक़वी की ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, मोहसिन नक़वी मंच पर मौजूद अकेले ऐसे शख़्स थे, जिन्होंने भारतीय खिलाड़ियों के लिए तालियाँ तक नहीं बजाईं
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, एसीसी और स्टेडियम प्रबंधन यह तय करने की कोशिश कर रहे थे कि विजेता टीम को ट्रॉफ़ी कौन देगा. रिपोर्ट के मुताबिक़ अचानक ही समारोह रुक गया और आयोजकों ने ट्रॉफ़ी को ड्रेसिंग रूम में ले जाकर रख दिया.
भारत ने ट्रॉफ़ी तो नहीं ली, लेकिन मैदान पर खिलाड़ियों ने जीत का जश्न अपने अंदाज़ में मनाया.
फ़ाइनल से एक दिन पहले मोहसिन नक़वी ने एक बयान में कहा था, "मैं एक शानदार फाइनल देखने के लिए उत्साहित हूँ और विजेता टीम को ट्रॉफ़ी सौंपने का इंतज़ार कर रहा हूँ."
प्रधानमंत्री मोदी का पोस्ट, मोहसिन नक़वी का जवाब
भारत की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्सपर टीम को बधाई दी. उन्होंने अपने पोस्ट में 'ऑपरेशन सिंदूर' का ज़िक्र किया.
प्रधानमंत्री ने लिखा, "खेल के मैदान पर ऑपरेशन सिंदूर. नतीजा वही है - भारत जीतता है. हमारे क्रिकेट खिलाड़ियों को बधाई."
भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया था.
प्रधानमंत्री के इस पोस्ट पर एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नक़वी ने एक्स पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने मोदी के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा, "अगर युद्ध आपके गर्व का पैमाना है, तो इतिहास पहले ही भारत की पाकिस्तान के हाथों मिली बेइज़्ज़ती की हार को दर्ज कर चुका है और कोई क्रिकेट मैच उस सच को नहीं बदल सकता. युद्ध को खेल में घसीटना निराशा और खेल भावना का अपमान है."
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा, "शानदार जीत, हमारे खिलाड़ियों की ज़बरदस्त ऊर्जा ने एक बार फिर विरोधियों को ध्वस्त कर दिया.
उन्होंने कहा, "भारत की जीत निश्चित है चाहे मैदान कोई भी हो."
ट्रॉफ़ी न लेने का फ़ैसला किसका था?
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में ट्रॉफ़ी न लेने के फ़ैसले पर कहा कि उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा. सूर्यकुमार ने इसे टीम का सामूहिक फ़ैसला बताया.
वहीं बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने एएनआई से बातचीत में साफ़ कहा कि भारतीय टीम ने पाकिस्तान के नेता और एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नक़वी से ट्रॉफ़ी न लेने का फ़ैसला किया है और इस पर आईसीसी सम्मेलन में आधिकारिक विरोध दर्ज कराया जाएगा.
सूर्यकुमार यादव ने कहा कि ऐसा कभी नहीं देखा कि चैंपियन टीम को ट्रॉफ़ी न दी गई हो.
उन्होंने कहा, "वो भी ऐसी ट्रॉफ़ी जिसे मेहनत से जीता गया हो. मेरा मानना है कि हम इसके हक़दार थे. मैं और कुछ नहीं कह सकता, मैंने अपनी बात साफ़ कर दी है. अगर आप मुझसे ट्रॉफ़ियों के बारे में पूछते हैं, तो मेरी ट्रॉफ़ियां मेरे ड्रेसिंग रूम में हैं. मेरे साथ मौजूद सभी 14 खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ़ ही असली ट्रॉफ़ियां हैं."
जब एक पत्रकार ने पूछा कि मोहसिन नक़वी से ट्रॉफ़ी न लेने का फ़ैसला आधिकारिक था या नहीं, तो सूर्यकुमार यादव ने कहा, "यह फ़ैसला हमने मैदान पर ही लिया, हमें किसी ने नहीं बोला ऐसा करने के लिए. आप जब पूरे टूर्नामेंट में इतना अच्छा खेलते हैं और जीत गए तो ट्रॉफ़ी डिज़र्व करते हैं या नहीं? आप ही बताओ?"

देवजीत सैकिया ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, "हमने एसीसी अध्यक्ष से एशिया कप 2025 ट्रॉफ़ी न लेने का फ़ैसला किया है. वे पाकिस्तान के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. इसलिए हमने उनसे इसे न लेने का निर्णय लिया. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ट्रॉफ़ी और पदक उनके पास ही रहेंगे. हम आशा करते हैं कि इन्हें जल्द से जल्द भारत को लौटा दिया जाएगा. नवंबर में दुबई में आईसीसी सम्मेलन है. अगले सम्मेलन में हम एसीसी अध्यक्ष के कृत्य के ख़िलाफ़ कड़ा विरोध दर्ज कराएंगे."
उन्होंने आगे कहा, "बीसीसीआई बेहद खुश है और हम भारतीय क्रिकेट टीम को फाइनल में पाकिस्तान को हराने के लिए बधाई देते हैं. पाकिस्तान के खिलाफ तीनों मैच एकतरफ़ा रहे और हमें अपनी टीम पर बहुत गर्व है. हमारे सशस्त्र बलों ने सीमा क्षेत्र में भी ऐसा ही किया है. अब दुबई में भी यही हुआ है. हमने फैसला किया है कि भारतीय टीम को 21 करोड़ रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा. यह इनाम खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ में बांटा जाएगा."
पाकिस्तान के कप्तान ने क्या कहा?मैच के बाद से ट्रॉफ़ी विवाद और टीम इंडिया को लेकर कई सवाल पूछे गए.
जब उनसे पूछा गया कि इस पूरे विवाद के बीच उनके प्रदर्शन पर बात दब जाएगी, तो उन्होंने कहा, "हमारा क्रिटिसिज़्म तो होता ही है. जिन लोगों को क्रिकेट की समझ है, वो क्रिकेट की ही बात करते हैं. बाकी चीज़ें सेकेंडरी हैं. हमें पता है कि इस टूर्नामेंट में हमारी बैटिंग वैसी नहीं रही जैसी होनी चाहिए थी और किन चीज़ों को हमें सुधारना है. हम उसी पर ध्यान देते हैं. बाकी बातों पर हम गौर नहीं करते."
हैंडशेक और स्पोर्ट्समैन स्पिरिट पर पूछे सवाल पर सलमान आगा ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों का इस तरह का व्यवहार उन्हें निराशाजनक लगा.
उन्होंने कहा, "अगर आप क्रिकेट को देखें तो उनका हैंडशेक न करना या इस तरह का बर्ताव हमारा नहीं, बल्कि क्रिकेट का अनादर है. और जो क्रिकेट का अपमान करता है, वो कहीं न कहीं सामने आ ही जाता है. आज भी उन्होंने जो किया, मेरे ख़्याल से कोई अच्छी टीम ऐसा नहीं करती. अच्छी टीम वही करती है जो हमने किया, अकेले जाकर ट्रॉफ़ी के साथ तस्वीर खिंचवाई और अपने मेडल्स लिए.''
सलमान का दावा है कि भारतीय कप्तान ने उनसे टूर्नामेंट की शुरुआत में प्रेस कॉन्फ़्रेंस या रेफ़री मीटिंग के दौरान हैंडशेक किया था, लेकिन जब मैदान पर सबके सामने आने की बारी आई तो ऐसा नहीं हुआ. उनके मुताबिक़, "मुझे लगता है कि वो बस उन्हीं इंस्ट्रक्शंस को फॉलो कर रहे थे जो उन्हें दिए गए थे. अगर ऐसा है तो ठीक है."
भारतीय टीम से लगातार हार पर पूछे सवाल पर उन्होंने माना कि टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन इसे उन्होंने दौर (एरा) से जोड़ा. उन्होंने कहा, "हमें पता है कि हम इस वक़्त उनके ख़िलाफ़ अच्छी क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं. लेकिन अगर आप ओवरऑल देखें तो हम अब भी उनसे आगे हैं. इसका मतलब है कि हर टीम का एक दौर होता है. अभी शायद उनका दौर चल रहा है. जैसे 90 के दशक में हम उन्हें हराते थे, वैसे ही आज उनका एरा है और वो हमें हरा रहे हैं. लेकिन बहुत जल्द आप देखेंगे कि हम भी उन्हें उसी तरह हराना शुरू कर देंगे."
पहले मैचों में भी भारत ने नहीं मिलाया था हाथ
भारत और पाकिस्तान एशिया कप 2025 में कुल तीन बार आमने-सामने हुए. पहले दो मैचों में भारत ने आसान जीत दर्ज की.
लेकिन इन मुकाबलों में भी मैदान के बाहर काफ़ी तनाव देखने को मिला.
शुरुआती मैच से ही भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था. उस जीत के बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव ने यह भी कहा था कि यह जीत उन्होंने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को समर्पित की है.
पहले ग्रुप मैच में जब भारत ने जीत दर्ज की, तब टॉस के समय भी दोनों कप्तानों ने रस्मी हैंडशेक नहीं किया. इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने मैच रेफ़री एंडी पाइक्रॉफ्ट को हटाने की मांग कर दी थी.
पीसीबी के चेयरमैन मोहसिन नक़वी ने एक्स पर लिखा था, "मैच रेफ़री ने आईसीसी कोड ऑफ़ कंडक्ट और स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट को लेकर एमसीसी लॉ का जो उल्लंघन किया है, उसे लेकर पीसीबी ने आईसीसी से शिकायत की है."
हैंडशेक ना करने पर भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पोस्ट मैच प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था, "कुछ चीज़ें खेल भावना से भी बड़ी होती हैं."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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