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Ajmer की 88 साल पुरानी जल निकासी योजना फिर होगी लागू

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अजमेर न्यूज़ डेस्क, शहर के बदहाल ड्रेनेज के कारण शहर में मची तबाही के बाद अब बचाव के रास्ते तलाशे जा रहे हैं। 88 साल पुराने ड्रेनेज सिस्टम को फिर से एक्टिव करेंगे। आनासागर जेटी से नहर को भी फिर से शुरू िकया जाएगा। मास्टर ड्रेनेज प्लान तैयार करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विशेषज्ञों के साथ सर्किट हाउस में बैठक की। जलभराव के कारण, निवारण, कहां-कहां ओवरफ्लो की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा।

पुरानी इंजीनियरिंग बेजोड़... ब्रिटिशकाल में 1936 में बना था मास्टर ड्रेनेज प्लान, देवनानी ने इसका अध्ययन करने के निर्देश दिए

विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि आजादी से पूर्व 1936 में मास्टर ड्रेनेज प्लान तैयार किया गया था। वह मास्टर प्लान क्या था और वर्तमान में उसकी क्या स्थिति है। मास्टर प्लान नगर निगम के पास उपलब्ध है, उसका अध्ययन कर वर्तमान प्रासंगिकता पर मंथन किया जाए। देवनानी ने कहा कि शहर में जलभराव का मुख्य कारण है फॉयसागर झील से बड़ी मात्रा में पानी की आवक से आनासागर झील का ओवर फ्लो हुई। फॉयसागर का कैचमेंट एवं भराव क्षेत्र बढ़ाया जाए। आनासागर एस्केप चैनल का वैकल्पिक मार्ग भी तलाशा जाए।

नियमित सफाई हो, जुर्माना लगाया जाए | विशेषज्ञों ने कहा कि नालों में कचरा डालने या अतिक्रमण करने वालों पर सख्त कार्यवाही व जुर्माना लगाएं। बड़ी संख्या में लोगों ने नालों पर रैंप बनाकर बहाव रोक रखा है। इन्हें हटाएं।बाडी में अतिक्रमण, कचहरी रोड पर नाला पैक | विशेषज्ञों ने कहा कि बाडी नदी पर बड़ी संख्या में अतिक्रमण है। कचहरी रोड पर नाले पर ही दुकानें बना दी गई हैं। दुकानों के कारण भूमिगत नाले पूरी तरह से बाधित हैं।यहां बंद िकए गए नाले | रावण की बगीची से संत फ्रांसिस हॉस्पीटल तक भूमिगत नाले एवं नालियां बंद हैं और किसी उपयोग में नहीं है। आनासागर जेटी के पास से निकलने वालो नाला भी बंद कर दिया गया है।

पानी निकासी का एक मात्र साधन-एस्केप चैनल | िवशेषज्ञों ने कहा कि पूर्व में अजमेर में जल संग्रहण के मुख्य स्त्रोत- फॉयसागर झील, आनासागर झील, पाल बीसला और खानपुरा तालाब थे। फॉयसागर का अतिरिक्त पानी आनासागर में, आनासागर का पाल बीसला और खानपुरा में संग्रहित होता था। शहर की समस्या तब उत्पन्न होती है जब आनासागर में अत्यधिक पानी की आवक होती है।और निचली क्षेत्रों में निकासी के पर्याप्त संसाधन नहीं है। एक ही एस्केप चैनल प्रभावी है जो खानपुरा तालाब पहुंचता है जिसकी बहाव क्षमता बेहद कम है।

दधीचि वाटिका नहर चालू करेंगे | विशेषज्ञों ने कहा कि पूर्व में आनासागर जेटी से होते हुए रोडक्रॉस कर मास्टर एकेडमी के पास से दाधीच वाटिका, जेएलएन अस्पताल की दीवार के पास नहर फिर शुरू की जाए। शहर में कई स्थानों पर नालों में पाइप लाइन, सीवरेज, बिजली व टेलीफोन की लाइनें डाली गई हैं। इससे पानी का बहाव अवरूद्ध होता है। इनका उचित निस्तारण होना चाहिए। कमेटी दो माह में रिपोर्ट देगी। बैठक में कलेक्टर लोकबंधु, नगर निगम आयुक्त देशलदान, विशेषज्ञ अशोक रंगनानी, अनिल जैन एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

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