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Sriganganagar नशा छोड़ने वाले लोग बनेंगे जिला प्रशासन के भागीदार

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श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क, नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जिले में नशा मुक्ति के लिए संचालित ऑपरेशन सीमा संकल्प में नशा छोड़ने वाले भी अब जिला प्रशासन के सहयोगी बनेंगे। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर डॉ. मंजू की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नशा छोड़ने वालों ने नशा मुक्ति अभियान में हर संभव सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान नशा छोड़ने वालों को कलेक्टर एवं एसपी गौरव यादव ने सम्मानित भी किया।

बैठक में नशा छोड़ने वालों ने जिला प्रशासन व पुलिस के समक्ष अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि किस तरह से वे नशा करने लगे। इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें नशे की आदत लग गई। घर-परिवार, समाज में भी उन्हें किस तरह से नशा करने की वजह से परेशानी हुई। आर्थिक रूप से नुकसान होने के बावजूद वे किस तरह नशे की आदत को छोड़ नहीं पाए। कलेक्टर ने नशे को समाज और घर-परिवार के लिए बेहद घातक बताते हुए कहा कि नशा छोड़ने वाले खुद आगे आकर प्रयास करेंगे तो नशा छोड़ा जा सकता है।

इस अवसर पर एडीएम प्रशासन रीना, प्रशिक्षु आईएएस रजत यादव, जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी परमजीत सिंह, विक्रम ज्याणी सहित अन्य मौजूद रहे।

दवा, योग, काउंसलिंग, खेल सहित अन्य गतिविधियों से नशा छोड़ पाए: नशा छोड़ चुके लोगों ने बताया कि नशे की लत से वे परेशान हो चुके थे। जब नशे के दुष्परिणाम सामने आए और उन्हें समझ में आया कि नशा सिर्फ विनाश करता है। ऐसे में नशा मुक्ति केंद्रों में उपचार लेने के साथ-साथ दवा, योग, काउंसलिंग, खेल सहित अन्य गतिविधियों के माध्यम से नशा छोड़ पाए। नशा छोड़ने वालों ने यह भी बताया कि कई वर्षों तक नशा करने के बाद अब वे पूरी तरह से नशा मुक्त हो चुके हैं। नशा मुक्त हुए कई वर्ष बीत चुके हैं। अब दोबारा नशा नहीं करना है बल्कि नशा करने वालों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करना है।

नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करें: एसपी गौरव यादव ने भी नशा छोड़ने वालों की सराहना करते हुए कहा कि अब वे नशा करने वालों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करें, तभी इस अभियान के सार्थक परिणाम सामने आएंगे। नशा करने वाले से दूर रहें और नशे का कारोबार करने वालों की सूचना पुलिस को दें, ताकि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।

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