देश की कोचिंग सिटी कोटा शहर में एक ऐसा विवाह समारोह आयोजित हुआ, जिसने सामाजिक सौहार्द और अटूट दोस्ती की अनूठी मिसाल पेश की है। यहां दो दशक पुराने दोस्तों के परिवारों ने अपने बेटों की शादी एक ही मंडप में कराकर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की। इस अनोखे विवाह समारोह की पूरे शहर में चर्चा हो रही है।
40 साल से चली आ रही गहरी दोस्ती
दरअसल दो करीबी दोस्तों अब्दुल रऊफ और विश्वजीत चक्रवर्ती के परिवारों में पिछले 40 सालों से गहरी दोस्ती है। इनकी दोस्ती इतनी गहरी है कि साथ में व्यापार करने के बाद दोनों ने अपने मकान पास में ही बनवा लिए, ताकि उनकी मुलाकातें कभी कम न हों। पिता से मिली इस अनूठी विरासत को अगली पीढ़ी ने भी बखूबी आगे बढ़ाया।
एक ही मंडप में हुई बेटों की शादी
जब दोनों दोस्तों के बेटों की शादी की बात आई, तो दोनों परिवारों ने मिलकर एक ही मंडप में शादी और निकाह करने का फैसला किया। यहां तक कि निमंत्रण कार्ड भी एक ही छपवाया गया। जिसमें अब्दुल रऊफ के बेटे यूनुस परवेज अंसारी और विश्वजीत चक्रवर्ती के बेटे सौरभ की एक साथ शादी की जानकारी दी गई।
एक ने निकाह पढ़ा तो दूसरे ने सात फेरे लिए
कार्ड में बताया गया कि यूनुस का निकाह फरहीन अंसारी के साथ हुआ, जबकि सौरभ ने सनातन धर्म के रीति-रिवाज के अनुसार श्रेष्ठा के साथ सात फेरे लिए। इस अद्भुत मिलन को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे।
दोनों परिवारों ने मेहमानों का खुले दिल से स्वागत किया
शादी के बाद आयोजित रिसेप्शन में भी गंगा जमुनी तहजीब की झलक देखने को मिली। दोनों परिवारों ने एक-दूसरे के मेहमानों का खुले दिल से स्वागत किया। समारोह में हर धर्म और समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और इस अनूठे आयोजन को और भी खास बना दिया।
धर्म कभी उनके बीच दीवार नहीं बना- दोनों दूल्हे
दोनों दूल्हे विश्वजीत और अब्दुल रऊफ का कहना है कि धर्म कभी उनके बीच दीवार नहीं बना। दोनों परिवार एक-दूसरे के त्योहारों को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। उनके लिए अपने बेटों की यह संयुक्त शादी कुछ अलग नहीं है, क्योंकि वे हर फैसला एक साथ मिलकर लेते हैं। इस शादी की सबसे खास बात यह रही कि दोनों बेटों सौरभ और यूनुस ने भी अपने पिता की दोस्ती को उसी गर्मजोशी और प्यार से आगे बढ़ाया।
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