राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट थाना क्षेत्र के कुड़ीपाड़ा गांव में सोमवार शाम डिस्पेंसरी भवन की छत गिरने से वहां खेल रहे तीन किशोर बच्चों की मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे। बच्चों की हालत देखकर परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे। जहां तीनों किशोरों के शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया।
मलबे में दबे तीनों
पीपलखूंट थाना प्रभारी जयेश पाटीदार ने बताया कि कुड़ीपाड़ा गांव के मुकेश पुत्र हुका, रतनलाल पुत्र नारायण और गजेंद्र पुत्र शांतिलाल गांव के पास बकरियां चराने गए थे। इस दौरान तीनों वन विभाग के पुराने डिस्पेंसरी भवन के बरामदे में बैठे थे। अचानक भवन की छत गिर गई और तीनों बच्चे मलबे में दब गए। हादसे में तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद गांव और मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी जयेश पाटीदार दल-बल के साथ मौके पर पहुँचे और घटनास्थल का जायजा लिया। हादसे के बाद तीनों किशोरों के शवों को जिला अस्पताल की मोर्चरी भिजवाया गया। जहाँ मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है।
इमारत में खेलते थे बच्चे
बता दें कि जिले में कई ऐसी इमारतें हैं जो काफी पुरानी होने के कारण जर्जर हो चुकी हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग द्वारा वर्ष 2006 में औषधालय भवन का निर्माण कराया गया था। जो पिछले कुछ वर्षों से खाली था। अब यह भवन जर्जर हो चुका था। इसमें कोई नहीं रहता था। बच्चे इसमें खेल रहे थे। अचानक इसकी छत गिर गई और तीनों बच्चे मलबे में दब गए। हादसा इतना भीषण था कि तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना पाकर परिजन भी मौके पर पहुँच गए। अपने बच्चों को इस हालत में देखकर वे बेहाल हो गए। पूरे गाँव में सन्नाटा छा गया। एक साथ तीन किशोरों की मौत से गांव के हर चेहरे पर निराशा और दुख साफ दिखाई दे रहा था।
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