विधायक कंवरलाल मीना की सदस्यता रद्द न करने के मामले में कांग्रेस विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार (20 मई) को विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचा था। जिसके बाद कांग्रेस ने कहा कि यह संविधान का उल्लंघन है। तीन साल की सजा मिलने के बाद अगर विधायक कंवरलाल मीना की सदस्यता रद्द नहीं होती है तो कांग्रेस ने कानूनी विकल्पों पर विचार करने की बात कही है। अब इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का जवाब भी आ गया है।
एक-दो दिन में महाधिवक्ता देंगे कानूनी राय
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने विधायक कंवरलाल के मामले में राज्य के महाधिवक्ता को इस संबंध में अपनी कानूनी राय तुरंत राजस्थान विधानसभा सचिवालय को भेजने के निर्देश दिए हैं। देवनानी ने उम्मीद जताई है कि महाधिवक्ता की राय एक-दो दिन में आवश्यक रूप से राजस्थान विधानसभा सचिवालय को मिल जाएगी। देवनानी ने कहा है कि जैसे ही राजस्थान विधानसभा को राज्य के महाधिवक्ता से कानूनी राय प्राप्त होगी, विधायक कंवरलाल की सदस्यता समाप्त करने के संबंध में तुरंत कानूनी और न्यायसंगत निर्णय लिया जाएगा।
कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा में देवनानी से मुलाकात की। विपक्षी सदस्यों ने कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के मामले में लिए जाने वाले निर्णय के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष देवनानी को ज्ञापन भी सौंपा। विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्षी सदस्यों को इस संबंध में न्याय के अनुरूप शीघ्र निर्णय लेने का आश्वासन दिया।उल्लेखनीय है कि विधायक कंवरलाल के संबंध में न्यायालय के निर्णय के दिन ही देवनानी ने राज्य के महाधिवक्ता को कानूनी सलाह देने के निर्देश दिए थे। देवनानी इस मामले में लिए जाने वाले निर्णय की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। देवनानी का कहना है कि विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने के निर्णय के लिए न्यायालय के निर्णय के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाना जरूरी है, ताकि विधायक के साथ किसी तरह का अन्याय न हो।
बुडानिया को समिति से नहीं हटाया गया
विपक्षी सदस्यों ने वासुदेव देवनानी से राजस्थान विधानसभा सचिवालय द्वारा पिछले दिनों समितियों में किए गए आंशिक संशोधन पर भी चर्चा की। श्री देवनानी ने कहा कि नरेन्द्र बुडानिया राजस्थान विधानसभा के वरिष्ठ एवं अनुभवी सदस्य हैं। बुडानिया को समिति से नहीं हटाया गया है। यह भ्रामक प्रचार है। राजस्थान विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य बुडानिया के अनुभव को ध्यान में रखते हुए उन्हें पिछड़ा वर्ग कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विषय की समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। देवनानी ने कहा कि अकेले बुडानिया को नहीं बदला गया है। उनके साथ सत्ताधारी दल से जुड़े तीन अन्य अध्यक्षों को भी अन्य समितियों का अध्यक्ष बनाया गया है।
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