करौली न्यूज़ डेस्क, करौली करौली न्यूज़ डेस्क, करौली जगर बांध में वर्षों बाद पर्याप्त जलभराव होने से सिंचाई विभाग नहरें खोलने की तैयारी में जुट गया है। बदहाल पड़ी नहरों की सार संभाल के लिए सिंचाई विभाग ने जिला परिषद में मनरेगा के तहत 1.20 करोड़ रुपए व विभागीय मुख्यालय को 5 लाख रुपए के कार्यों के प्रस्ताव भेजे हैं। यदि सबकुछ ठीक रहा तो आगामी माह में डेढ़ दशक से सूखी पड़ी नहरों में जगर बांध का पानी बहकर खेतों में रबी की फसल को तर करेगा।दरअसल रबी के फसली सीजन में किसानों को नहरों से सिंचाई की जरुरत रहती है। प्रशासन द्वारा जलग्रहण क्षेत्र समितियों की बैठक के निर्णय के अनुसार बांध से नहरों में पानी खुलवाया जता है। ऐसे में जलसंसाधन विभाग फसल की सिंचाई की समय अवधि के तहत नबम्बर के अंतिम सप्ताह से मार्चा माह तक यानी चार माह तक नहरें संचलित की जाती है।
बीते डेढ़ दशक से बांध में पर्याप्त जलभराव नहीं होने से नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा था। इस वर्ष बांध में गेज पर अधिकतम 28 फीट 3 इंच जल भराव होने से किसानों को नहरों से पानी मिलने की उम्मीद बंधी है। ऐसे में जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं ने बर्षों से बदहाल पड़ी नहरों की सरसंभाल व मरम्मत के लिए विभाग के मुख्यालय को 4 लाख 80 हजार रुपए के प्रस्ताव भेजे हैं। वहीं मनरेगा में नहरों की साफ सफाई अन्य कार्यों के लिए 1 करोड़ 20 लाख रुपए के कार्य स्वीकृति के लिए जिला परिषद को प्रस्ताव भेजा है। अभियंताओं ने बताया कि प्रस्तावों पर स्वीकृति मिले ही नहरों का रखरखाव होगा।
16 वर्ष से सूखी हैं नहर : जगर बांध में पर्याप्त भराव नहीं होने से 16 वर्ष से नहरें सूखी पड़ी हैं। जल संसाधन विभाग के सूत्रों के अनुसार कलक्टर की अध्यक्षता में समिति के निर्णय पर नवम्बर-दिसम्बर माह में गेहूं-चना की फसल के लिए बांध से पानी छोड़ा जाता है। नहरों में 13 नवम्बर 2008 के बाद पानी नहीं छोड़ा है। पानी छोड़ने के दौरान बांध में गेज 16.8 फीट था। वर्तमान में बांध में 26 फीट जल भराव है।
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