राजस्थान के दौसा जिले में मेहंदीपुर बालाजी का एक मंदिर है, जिसके बारे में कई अजीबोगरीब मान्यताएँ हैं। कई लोगों का कहना है कि इस मंदिर का प्रसाद खाने के बाद भूत-प्रेत आपका पीछा करने लगते हैं। इसके साथ ही, लोग यह भी कहते हैं कि यहाँ भूतों का इलाज किया जाता है।
कहा जाता है कि यहाँ भूतों के इलाज के लिए लोगों को कोड़े मारे जाते हैं और जंजीरों से बाँधा जाता है। इसके अलावा, उनके शरीर पर 100-100 किलो के भारी पत्थर रखे जाते हैं।बालाजी मंदिर के पास ही अंजनी माता का मंदिर भी है। बालाजी महाराज के दर्शन करने के बाद लोग यहाँ दर्शन करने जाते हैं। इसके साथ ही, लोग यहाँ प्रेतराज, भैरो बाबा, घाट वाले बाबा और समाधि वाले बाबा के भी दर्शन करते हैं।
वहीं, यहाँ रहने वाले एक महाराज बताते हैं कि जिन लोगों को भूत-प्रेत सताते हैं, उन्हें मेहंदीपुर बालाजी लाया जाता है और उन्हें दर्शन कराए जाते हैं। इसके बाद, यहाँ बाबा से अर्जी लगाई जाती है और उन्हें दो लड्डू खिलाए जाते हैं। कहते हैं कि यहाँ से लाखों लोग ठीक होकर जाते हैं।
कहा जाता है कि यहाँ ज़्यादातर महिलाएँ इलाज के लिए आती हैं। इस बारे में लोगों का कहना है कि महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मसम्मान कमज़ोर होता है। महिलाएँ भावनात्मक रूप से बहुत जल्दी कमज़ोर हो जाती हैं। इस वजह से उन पर भूत-प्रेत का साया बहुत जल्दी पड़ जाता है।
यहाँ के एक पंडित के अनुसार, यह एक अफवाह है। ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने बताया कि बाबा से मन्नत माँगनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। इससे बाबा सबकी मनोकामना पूरी करते हैं।लोग कहते हैं कि बालाजी महाराज का प्रसाद न तो बाँटना चाहिए और न ही घर लाना चाहिए। इस बारे में पंडित का कहना है कि यह भी एक अफवाह है। आप यहाँ प्रसाद बाँट सकते हैं और खा भी सकते हैं। सिर्फ़ उन्हीं लोगों का प्रसाद नहीं खाना चाहिए जो भूत-प्रेत के प्रभाव में हों।
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