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झुंझुनू में नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा

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झुंझुनू । राजस्थान के झुंझुनू में नाबालिग बालिका से दरिंदगी के दोषी को पॉक्सो कोर्ट ने बुधवार को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपित पर 71 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल मामला तब सामने आया था जब पीड़िता छह महीने की गर्भवती हो चुकी थी। सुनवाई के दौरान पीड़िता ने बच्चे को जन्म दिया जिसका डीएनए आरोपित के डीएनए से मैच हो गया। कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट को महत्वपूर्ण सबूत मानते हुए फैसला सुनाया।

विशिष्ट लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह भाम्बू ने बताया कि उदयपुरवाटी थाने में 15 फरवरी 2023 को पीड़िता के परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज करवाकर शिकायत में बताया कि फूलचंद जोगी नामक युवक उदयपुरवाटी के मनसा माता मंदिर में श्रद्धालुओं की सेवा करता था और पीड़िता भी अक्सर मंदिर आती-जाती थी। आरोप है कि खोह निवासी फूलचंद जोगी ने करीब 5- 6 महीने पहले पीड़िता को पहाड़ियों में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

आरोपित ने पीड़िता को जान से मारने की धमकी दी थी जिससे पीड़िता डर गई। उसने किसी को आपबीती नहीं बताई। जब पीड़िता का पेट बढ़ने लगा तो परिजनों ने उसे नीमकाथाना में डॉक्टर को दिखाया जहां उसकी गर्भावस्था की जानकारी मिली। इसके बाद परिजनों ने बच्ची से पूछताछ की तो मासूम ने अपने साथ दरिंदगी की जानकारी दी। पुलिस ने शिकायत मिलते ही आरोपित फूलचंद जोगी को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पॉक्सो एक्ट और एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की।

इस बीच दुष्कर्म पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया। बच्चे का डीएनए टेस्ट कराया गया जो आरोपित के डीएनए से पूरी तरह मेल खा गया। कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट को निर्णायक माना। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जज इसरार खोखर ने आरोपित फूलचंद जोगी को दोषी ठहराते हुए अलग-अलग धाराओं में 20 साल की सजा और 71 हजार रुपये के जुर्माने का आदेश दिया है।

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