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रीप परियोजना ने माही स्वयं सहायता समूह को बनाया सफल डेयरी उद्यमी

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हरिद्वार। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे के निर्देश पर जनपद के समस्त विकासखंडों में अल्ट्रा पूवर सपोर्ट, एंटरप्राइजेज सीबीओ लेवल के एंटरप्राइजेज की स्थापना की गई है। इसी कड़ी में, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से, नारसन ब्लॉक के सिकंदरपुर मवाल गांव के माही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है।

पहले, माही स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अत्यंत सूक्ष्म स्तर पर दुग्ध उत्पादन का कार्य कर रही थीं। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत निम्न थी और वे जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पा रही थीं। इसी दौरान, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम उनके पास पहुंची और उन्हें समूह से जुड़ने के लाभों के बारे में बताया गया, जिसके परिणामस्वरूप माही स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ। समूह से जुड़ने के पश्चात् उन्हें आर्थिक व सामाजिक सहयोग प्राप्त हुआ, और दुग्ध उत्पादन को व्यावसायिक ढंग से करने का प्रशिक्षण भी मिला, जिसने उनकी सफलता की यात्रा प्रारंभ की।

जिसके तहत समूह को ऋण मिला और उन्होंने स्वयं की पूंजी लगायी। वर्तमान में उनका दुग्ध उत्पादन 250 लीटर प्रतिदिन से बढ़कर 450 लीटर प्रतिदिन हो गया है। माही मिल्क बार आउटलेट द्वारा प्रतिदिन 5 से 7 हजार रुपये की बिक्री की जा रही है। समूह को प्रतिमाह 49 हजार का शुद्ध लाभ हो रहा है।

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